जिला प्रशासन के अनुसार, शिकायत मिलने के बाद जमीन की प्रशासनिक जांच की गई थी, जिसमें सामने आया कि, निर्माण कार्य निजी नहीं सरकारी जमीन पर किया गया है। मिली शिकायत में मदरसे का निर्माण सरकारी जमीन पर होने का दावा किया गया था। प्रशासनिक जांच में शिकायत सही पाई गई। ये स्पष्ट हो गया की मदरसे का निर्माण शासकीय जमीन पर हुआ है। इसके बाद जिला प्रशासन ने मदरसे के प्रबंधक और संचालक को सफाई देने के लिए नोटिस जारी किया था। फिर आगे की कार्रवाई की गई है।
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इधर, जिला प्रशासन से नोटिस मिलते ही मदरसा संचालक ने खुद ही मदरसे का बड़ा हिस्सा जमीदोज कर लिया। बावजूद इसके कार्रवाई पूरी न होने के कारण बीती रात जिला प्रशासन ने भारी पुलिस बल की मौजूदगी में जेसीबी की सहायता से इमारत को पूरी तरह जमींदोज कर दिया।
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बता दें कि मामले की शिकायत कुछ मुस्लिम समाज के लोगों ने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष से भी की थी, जिसमें कहा गया था कि, उक्त मदरसे में अवैध गतिविधियां संचालित है। कलेक्टर सुरेश कुमार ने बताया कि शासकीय जमीन पर बने मदरसे की जानकारी प्राप्त हुई थी जिसकी जांच करवाने पर शासकीय जमीन पर अवैध रूप से बना पाया गया। तहसीलदार द्वारा संचालक को नोटिस जारी किया, तभी अवैध निर्माण को हटाने की कार्रवाई की गई है। कलेक्टर के अनुसार, उक्त मदरसा का वक्फ कानून या वक्फ संपत्ति से कोई लेना देना नहीं है। मदरसे को गिराने का सिर्फ यह कारण है कि वह शासकीय जमीन पर बना हुआ था।