उत्तर प्रदेश अब नए भारत की तस्वीर बदलने में बड़ी भूमिका निभा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में राज्य में सड़कों का ऐसा जाल बिछ रहा है, जो ना सिर्फ सफर को आसान बना रहा है, बल्कि गांव-कस्बों को भी विकास की मुख्यधारा से जोड़ रहा है। राज्य में अब तक 7 एक्सप्रेस-वे पूरी तरह बनकर तैयार हो चुके हैं, जिन पर गाड़ियां तेज रफ्तार से दौड़ रही हैं। वहीं, 5 और नए एक्सप्रेस-वे पर दिन-रात काम चल रहा है।
गंगा एक्सप्रेस-वे मेरठ से शुरू होकर प्रयागराज तक जाएगा। इसकी लंबाई 594 किलोमीटर होगी। यह यह छह लेन का एक्सप्रेस-वे होगा, जिसे भविष्य में 12 लेन तक बढ़ाया जा सकेगा। इस एक्सप्रेसवे पर भारतीय वायुसेना के लिए एक एयरस्ट्रिप भी बनाई जा रही है।
12 जिलों से होकर गुजरेगा
गंगा एक्सप्रेसवे प्रदेश के 12 जिलों से होकर गुजरेगा। इन जिलों में मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज शामिल
चित्रकूट लिंक एक्सप्रेस-वे
चित्रकूट लिंक एक्सप्रेस-वे 15.2 किलोमीटर लंबा है। यह बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे को सीधे चित्रकूट से जोड़ेगा।
दिल्ली-सहारनपुर एक्सप्रेस-वे
दिल्ली-सहारनपुर एक्सप्रेसवे की लंबाई लगभग 210 किलोमीटर है। यह दिल्ली से बागपत, शामली होते हुए सहारनपुर तक जाएगा।
बलिया लिंक एक्सप्रेस-वे
बलिया लिंक एक्सप्रेस-वे 114 किलोमीटर लंबा होगा। इसका उद्देश्य पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को बलिया से जोड़ना है। बलिया यूपी के पूर्वी छोर पर स्थित है, जहां आज भी बुनियादी सड़क ढांचा अपेक्षाकृत कमजोर है। यह एक्सप्रेसवे उस कमी को दूर करेगा और बलिया को राजधानी लखनऊ समेत अन्य बड़े शहरों से सीधे जोड़ने में मदद करेगा।
लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस-वे
लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस-वे 63 किलोमीटर लंबा है। यह प्रदेश की दो सबसे अहम औद्योगिक और शैक्षणिक नगरी लखनऊ और कानपुर को जोड़ता है। यह परियोजना अपने अंतिम चरण में है। इसके बनने से लखनऊ और कानपुर के बीच सफर काफी तेज और सुविधाजनक हो जाएगा।
इन सभी एक्सप्रेस-वे की कुल लंबाई लगभग 1087 किलोमीटर है।
क्यों खास हैं ये एक्सप्रेस-वे?
इन सड़कों का मकसद सिर्फ तेज यात्रा ही नहीं, बल्कि संतुलित विकास भी है। बुंदेलखंड, तराई और पूर्वांचल जैसे इलाकों में जब बेहतर सड़कें पहुंचेंगी, तो वहां उद्योग आएंगे, कारोबार बढ़ेगा और स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा।
2000 किलोमीटर से ज्यादा का रोड नेटवर्क
आज यूपी वो राज्य है, जहां 2000 किमी से ज्यादा के एक्सप्रेस-वे नेटवर्क पर एक साथ काम हो रहा है। इससे राज्य की अर्थव्यवस्था को जबरदस्त रफ्तार मिलेगी और हर क्षेत्र को बराबरी का अवसर मिलेगा।