बनारस से ठेला लेकर कुंभ पहुंचे हैं सोनकर भाई
बनारस के रहने वाले अजीत सोनकर कुंभ में अमरूद बेचते हुए मिले। उनके ठेले पर दर्जन भर लोग खड़ा होकर के अमरूद की खरीदारी कर रहे थे। जब पत्रिका की टीम ने पूछा अच्छी खासी कमाई हो रही है तो अमरुद को प्लास्टिक के थैले में पैक करता हुआ लड़का बोला नहीं सिर्फ रोटी रोजी चल रही है। अचानक उसकी बात को काटते हुए अमरुद तौलता हुआ विजय बोला कि नहीं भैया अच्छी खासी कमाई होत बा। इसके बाद बातचीत में उसने बताया कि हम लोग ठेला को पैदल खींचते हुए 120 किमी वाराणसी से प्रयाग पहुंचे हैं हमारे साथ 50 लोगों की टीम प्रयागराज आई है जो अलग-अलग फल बेच रहे हैं। बनारस में हम लोग पहले 500 से 600 रुपये प्रतिदिन की कमाई कर लेते थे लेकिन जब से कुंभ में आए हैं तो हजार ₹1500 दिन में बचा ले रहे हैं।
संगम नोज पर चाय की मांग खूब
संगम क्षेत्र में पूजन सामग्री से ज्यादा चाय बेचने वाले मिलेंगे। ठंड का मौसम होने के चलते चाय की खूब मांग है। ऐसे में चाय बेचने वालों की संख्या भी खूब है। संगम घाट पर चाय बेचते ओमप्रकाश मिले जो कि बरेली के रहने वाले हैं। बातचीत में इन्होंने बताया कि प्रतिदिन 200 से 300 कप चाय बिक जाता है। चाय की कीमत ₹10 होती है और लागत अधिकतम ₹2 आता है यानी की ₹8 की बचत हो जाती है। ओमप्रकाश ने बताया कि वह बरेली जिले के रहने वाले हैं और खेती किसानी का काम करते हैं लेकिन मेले में भीड़ को देखते हुए उन्होंने चाय बेचना तय किया। ओम प्रकाश ने बताया कि उनके साथ पांच लड़के कुंभ में आए हैं जो चाय बेचते हैं और प्रतिदिन का 800 से ₹1400 की बचत कर लेते हैं। यह आगे बताते हैं कि भैया कमाई भी हो जा रही है और हम लोग गंगा में डुबकी लगा के पुण्य भी काम ले रहे हैं।
बिहार के शिवम पांडे बेच रहे प्लास्टिक
संगम नोज पर सर्दी के मौसम में लोग कोहरे से बचने और नीचे बिछाने के लिए प्लास्टिक की खरीदारी करते हुए दिख जाएंगे। ऐसे में इसकी मांग खूब है तो बेचने वालों की संख्या भी अधिक है। रात्रि 12:00 बजे संगम नोज पर प्लास्टिक बेचते हुए 17 वर्षीय शिवम पांडे मिले। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन 50 से 60 प्लास्टिक बिक जाता है। जिस दिन मौसम खराब होता है उस दिन 100 से 150 प्लास्टिक की बिक्री हो जाती है। पैसे बचत की बात पर शिवम बताते हैं कि ₹4 का प्लास्टिक मिलता है जो 15 से ₹20 में आसानी से बिक जाता है। मैं कभी-कभी लोगों को फ्री में ही प्लास्टिक दे देता हूं ताकि इस कुंभ में किसी की सेवा करके हम भी कुछ पुण्य कमा लें। शिवम बताते हैं कि प्लास्टिक की बिक्री केवल रात में होती है। पूरी रात जग करके बेचना पड़ता है। मेहनत ज्यादा होता है लेकिन क्या करें पैसा कमाना है तो कुछ करना ही पड़ेगा। मैं मेहनत करके पैसा कमाना पसंद करता हूं। किसी के आगे हाथ फैला करके भीख मांगना नहीं।