गंगा यमुना के पवित्र संगम में डुबकी लगाने के बाद रविकिशन ने कहा कि यही संसार का सबसे बड़ा सुख है। अगर इस बार नहीं आता तो फिर इसके लिए 144 साल इंतजार करना पड़ता, और इतना जीना मेरे लिए असंभव था,इसीलिए मैं आया हूं। यहां पर आने के बाद मुझे आनंद की प्राप्ति हो रही है। ऐसा लग रहा जैसे शरीर पांच ग्राम का हो गया है। जाने अंजाने में जितने पाप हुए हैं सब धुल गए हैं।
भोजपुरी को बढ़ाने की कही बात
कुंभ में भोजपुरी को बढ़ावा देने के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री दोनों भोजपुरी भाषा क्षेत्र से आते हैं। भोजपुरी लगभग 1000 साल पुरानी भाषा है,यह एक साहित्य भी है। इसलिए भोजपुरी को बढ़ावा मिलना ही चाहिए। अखिलेश यादव के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि उन्हें यहां कुंभ में आकर डुबकी लगाना चाहिए। उनकी सभी बढ़ाएं ठान डुबकी लगाने से समाप्त हो जाएंगी। यदि एक बार वो यहां डुबकी लगा लेंगे तो आलोचना करना बंद कर देंगे।