केंद्र सरकार की “हर घर नल से जल” योजना के तहत गांव के 396 घरों में शुद्ध पानी पहुंचाने के लिए यह प्रोजेक्ट शुरू किया गया था। मार्च 2023 में काम शुरू हुआ और दिसंबर 2024 तक इसे पूरा किया जाना था। लेकिन कार्यदायी संस्था एलएंडटी की लापरवाही ने इस महत्वाकांक्षी योजना को अधर में लटका दिया है।
गांव की निवासी पुष्पा कनौजिया बताती हैं, “जब टंकी का निर्माण शुरू हुआ था तो लगा अब पानी की परेशानी दूर हो जाएगी। लेकिन दो साल बाद भी एक बूंद पानी नहीं मिला।” ग्राम प्रधान उदयभान कुशवाहा के अनुसार, 146.56 लाख की लागत से बनाई जा रही इस परियोजना का अब तक 80% पाइपलाइन बिछाई गई है, लेकिन केवल 30% घरों में ही कनेक्शन दिए जा सके हैं। पंप हाउस पर अभी तक बिजली कनेक्शन भी नहीं हो पाया है, और टंकी व पंप हाउस के चारों ओर की सुरक्षा दीवार अधूरी है।
गांव के ही अनिल गौतम ने कहा, “यह परियोजना पूरी तरह फेल हो चुकी है। अधिकारियों को चाहिए कि लापरवाह संस्था पर जुर्माना लगाकर जल्द कार्य पूरा करवाएं।” परियोजना की अधूरी हालत से ग्रामीणों को न सिर्फ पानी से वंचित रहना पड़ रहा है, बल्कि सड़कें भी खुदाई के कारण क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं, जिससे आवागमन में भी परेशानी बढ़ गई है।
ग्रामीणों की कई बार शिकायतों और अनुरोधों के बावजूद कार्यदायी संस्था की ओर से सिर्फ आश्वासन ही मिला, कार्रवाई नहीं। अब ग्रामीण सवाल उठा रहे हैं कि जब सरकारी योजनाएं कागजों से निकलकर ज़मीन पर नहीं उतरतीं, तो आम जनता की बुनियादी ज़रूरतें आखिर कैसे पूरी होंगी?