अधिशासी अभियंता, विद्युत विभाग की भूमिका सबसे ज्यादा सवालों के घेरे में है। उन्होंने ऑनलाइन और हेल्पलाइन के माध्यम से दर्ज 193 शिकायतों पर न तो संवाद किया और न ही समाधान की स्थिति बताई। इसके अलावा एसडीएम फूलपुर ने 178, तहसीलदार मेजा ने 162, एसडीएम कोरांव ने 131 और अधिशासी अभियंता, जल निगम ग्रामीण ने 110 मामलों में शिकायतकर्ताओं से संपर्क नहीं किया।
तहसील स्तर पर भी स्थिति चिंताजनक रही। तहसीलदार फूलपुर ने 76, एसडीएम सोरांव ने 64, एसडीएम मेजा ने 61, एसडीएम हंडिया ने 47 और एसडीएम बारा ने 46 शिकायतों में कोई संवाद नहीं किया। इसके अलावा पीडी डीआरडीए (51), माघ मेला प्रभारी अधिकारी (19), समाज कल्याण अधिकारी और अधिशासी अभियंता यांत्रिकी (18-18) शिकायतों पर भी फीडबैक नहीं लिया।
मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत और जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मांदड़ ने कई बार अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि शिकायतों का समयबद्ध और गुणवत्ता पूर्ण निस्तारण हो। बावजूद इसके लापरवाही जारी रही। एडीएम सिटी सत्यम मिश्र ने बताया कि बार-बार चेतावनी देने के बाद भी अधिकारी बैठकों से गायब रहते हैं और शिकायतकर्ताओं से बात नहीं करते। इसलिए अब इन सभी को प्रतिकूल प्रविष्टि दी जा रही है।
प्रशासन ने शिकायतों के समाधान को पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए एक नया निर्देश जारी किया है। अब हर अधिकारी को शिकायत निस्तारण के लिए मौके पर जाकर जीपीएस लोकेशन मोबाइल से साझा करनी होगी। इसके साथ ही मौके की फोटो भी रिपोर्ट के साथ अपलोड करनी होगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि शिकायतों का समाधान जमीन पर भी दिखे।