ग्रामीणों की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए डीएम को जानकारी मिली कि उक्त तालाब पर कुछ लोगों ने अवैध कब्जा कर लिया है और यह पूरी तरह पाट दिया गया है। इस पर डीएम ने तत्काल एसडीएम कोराव को आदेशित किया कि तालाब से कब्जा हटाया जाए और उसकी विधिवत पैमाइश कराकर उसे मुक्त कराया जाए।
CSR फंड से होगा सौंदर्यीकरण और जीर्णोद्धार तालाब के जीर्णोद्धार के लिए डीएम ने मेजा ऊर्जा निगम लिमिटेड के सीईओ से तालाब की खुदाई और सौंदर्यीकरण के लिए CSR (कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) फंड के तहत ₹50 लाख की परियोजना को मंजूरी दिलाई। इस लागत से खुदाई कार्य कराया जाएगा। इसके अलावा तालाब की गहराई, किनारे की मरम्मत, सुदृढ़ीकरण व आसपास हरियाली विकसित करने का काम भी शामिल है।
कार्यदायी संस्था को सौंपी जिम्मेदारी डीएम ने स्पष्ट निर्देश दिए कि कार्यदायी संस्था आरईएस (Rural Engineering Services) के एक्सईएन (XEN) एक सप्ताह के भीतर कार्य शुरू कर दें। साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि काम गुणवत्तापूर्ण और समयबद्ध तरीके से हो।
ग्रामीणों में खुशी की लहर डीएम के इस त्वरित फैसले और संजीदगी से प्रभावित होकर गांव के लोगों में खासा उत्साह देखा गया। ग्रामीणों ने उम्मीद जताई कि तालाब का जीर्णोद्धार न केवल जल संरक्षण में मदद करेगा, बल्कि गांव की सुंदरता और पारिस्थितिकी संतुलन को भी मजबूत करेगा।
डीएम रविंद्र कुमार मांदड़ का यह कदम जिला प्रशासन के पर्यावरणीय दृष्टिकोण और जनसहभागिता आधारित विकास मॉडल को दर्शाता है। आने वाले समय में यह तालाब न सिर्फ ग्रामीणों के लिए जलस्रोत बनेगा, बल्कि एक पर्यावरणीय विरासत के रूप में भी स्थापित होगा।