क्या है स्वामी प्रसाद मौर्य का औरंगजेब वाला बयान (Swami Prasad Maurya Controversy)
स्वामी प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी के औरंगजेब वाले बयान का समर्थन किया और भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा नेता देश में नफरत का माहौल बना रहे हैं। उन्होंने कहा, “जो लोग औरंगजेब को सबसे हिंसक शासक बताते हैं उन्हें पहले अपने इतिहास पर नजर डालनी चाहिए। हो सकता है कि औरंगजेब को एक कठोर शासक माना जाता हो, लेकिन वह नाथूराम गोडसे से बेहतर था जिसने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या कर दी थी।” सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने का काम कर रही भाजपा
कांशीराम की जयंती के अवसर पर रायबरेली में निकाली ‘संविधान सम्मान व जनहित हुंकार यात्रा’ के दौरान मौर्य ने कहा कि 2027 में जनता भाजपा को सत्ता से बाहर कर देगी। उन्होंने भाजपा नेताओं पर समाज में विभाजन पैदा करने का आरोप लगाया और कहा कि वे नफरत की राजनीति कर रहे हैं। मौर्य ने कहा, “भाजपा के नेता समाज में सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने का काम कर रहे हैं। जो लोग औरंगजेब पर उंगली उठाते हैं, उन्हें पहले अपना इतिहास देखना चाहिए। दूसरों पर आरोप लगाने से पहले अपने गिरेबान में झांकना जरूरी है।”
अबु आजमी ने दिया था विवादित बयान
औरंगजेब और मराठा राजा छत्रपति संभाजी महाराज के बीच हुई लड़ाई के बारे में पूछे जाने पर अबु आजमी ने इसे राजनीतिक लड़ाई कहा था। इसी बयान पर चार मार्च को राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों में हंगामा हुआ था और सत्ता पक्ष के सदस्यों ने उनके निलंबन और राजद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग भी की थी।
विवादित बयानों से रहा है गहरा नाता (Controversial statement of Swami Prasad Maurya)
इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में एक नई बहस छिड़ गई है। भाजपा ने मौर्य के इस बयान की कड़ी आलोचना की है और इसे राष्ट्रविरोधी करार दिया है। वहीं, विपक्षी दलों के नेताओं ने भी इस पर अपनी मिश्रित प्रतिक्रिया दी है। स्वामी प्रसाद मौर्य पहले भी अपने विवादित बयानों के चलते सुर्खियों में रहे हैं। उनके इस बयान से राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में इस पर किस तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आती हैं।