Medical college: सीट बढ़ाई लेकिन..
जिले में विगत कई सालों से मेडिकल कालेज का संचालन हो रहा है, इससे पूर्व में यहां 50 सीट मिला था, जिसके बाद फैकल्टी सही होने से इसकी संख्या बढ़ाकर 60 किया गया, उसके बाद विगत दो सालों से इसे बढ़ाकर 100 सीट किया गया है, लेकिन अब इन सीटों को देखते हुए इस बार एनमसी के सर्वे मे पाया गया है कि स्वीकृत पदों के हिसाब से प्रोफेसर व एसो. प्रोफसरों की संख्या काफी कम है, जिसको लेकर अब रायगढ़ मेडिकल कालेज को रेड जाने में रखा गया है। वहीं बताया जा रहा है कि अभी मेडिकल कालेज का मान्यता 2024-25 तक है, इसके बाद अब नए सत्र में 2025-26 के लिए मान्यता दी जाएगी।
कम हो सकती है एमबीबीएस की सीटें
जिसके लिए ऑनलाईन तो सर्वे हो चुका है, लेकिन यह भी बताया जा रहा है कि ऑफलाईन भी सर्वे हो सकता है। जिससे एमबीबीएस की सीटे कम हो सकती है। हालांकि विगत दो सालों से 100-100 सीट होने से छात्रों को काफी लाभ मिल रहा है। हालांकि स्वीकृत पद के हिसाब से यहां प्रोफेसरों की संख्या रहती तो इस साल से 20 सीट और बढऩे की उम्मीद थी, लेकिन अभी तक मेडिकल कालेज की रिक्त पोस्ट में भर्ती नहीं हो सका है, जिसको लेकर अब संसय की स्थिति बनी हुई है। वहीं बताया जा रहा है कि इस माह के अंत तक काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू होगी, जिसके बाद ही वास्तविकता सामने आने की बात कही जा रही है।
आधे से कम स्टाफ में चल रहा मेडिकल कॉलेज
उल्लेखनीय है कि मेडिकल कालेज में राज्य शासन की तरफ से पद तो स्वीकृत किया गया है, लेकिन आधे से अधिक पद खाली पड़ा है। ऐसे में अगर इन आंकड़ों पर नजर डालें तो रायगढ़ मेडिकल कालेज में प्रोफेसर का पद 22 है, जिसमें 11 खाली है, वहीं एसो. प्रोफेसर का पद 19 है जिसमतें 05 खाली है, इसी तरह असिस्टेंट प्रोफेसर का पद 40 है, जिसमें 17 पद खाली पड़ा है। समय रहते भर्ती हो जाता है तो यहां सीट और बढ़ सकती थी।
वर्तमान में 320 छात्र अध्ययनरत
रायगढ़ मेडिकल कालेज में 320 छात्र अध्ययनरत है, इसके साथ ही 60 छात्र इंटर्नसीप में है। जानकारी के अनुसार 2021 में 50 सीट से बढ़ाकर 60 सीट किया गया था, जो 2022 में भी 60 सीट था, इसके बाद 2023 में इसे बढाकर 100 सीट किया गया, वहीं 2024 में भी 100 सीट रहा था, ऐसे में देखा जाए तो वर्तमान में यहां कुल 320 एमबीबीएस छात्र अध्ययनरत है। वहीं एक बैच की पढ़ाई पूरी होने के बाद 60 छात्र इंटर्नसीप में हैं, जिससे इनका इंटर्नसीप पूरा होने के बाद ये डाक्टर बन जाएंगे। इनको अलग-अलग अस्पतालों में पदस्थापना मिल सकती है।
कमियों को दूर करने हुई थी बैठक
एनएमसी की सर्वे के बाद राज्य स्तर पर मेडिकल कालेजों के डीन की बैठक हुई थी, जिसमें मेडिकल कालेज की कमियों को दूर करने की बात कही थी, जिसको लेकर भी मेडिकल कालेज की तरफ से तैयारी की जा रही है, लेकिन इसके बाद भी अभी तक स्वीकृत पदों में भर्ती नहीं हो पाई है। जिसको लेकर अब मेडिकल कालेज की मान्यता को लेकर खतरा मंडराते नजर आ रहा है।
नहीं मिला जवाब
इस संबंध में मेडिकल कालेज के प्रभार डीन व अस्पताल अधीक्षक से इस संबंध में बात करने का प्रयास किया गया, फोन की घंटी बजती रही, मैसेज कर सवाल भी पूछा गया पर जवाब नहीं मिला।