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CG News: इस मेडिकल कॉलेज में फैकेल्टी की कमी, दूर नहीं की तो लग सकता है लाखों का जुर्माना अब मेडिकल स्टोर संचालक दवाइयों में मनमर्जी से एमआरपी डलवाकर बेच रहे हैं, कार्रवाई से इसकी पुष्टि हो चुकी है। फार्मास्यूटिकल कंपनी पैसों की लालच में ऐसा कर रही हैं। कई मौकों पर पत्रिका ने समाचार प्रकाशित कर बताया है कि दवाइयों के ओवररेट के पीछे मनमर्जी से ओवररेट डलवाना है। सीजीपीएमआरयू के नोडल
अधिकारी ने बताया 21 मेडिकल स्टोर के खिलाफ कार्रवाई के लिए नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी नई दिल्ली के आईपीडीएमएस पोर्टल पर दर्ज कर लिया गया है।
संबंधित संस्थानों के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। हालांकि अधिकारी ने मेडिकल स्टोर्स के नाम नहीं बताए, जहां ओवररेट पर दवाइयां बेची जा रही थी। प्रदेश में सीजीपीएमआरयू की स्थापना 24 मार्च 2021 को की गई थी। यह इकाई ड्रग प्राइस कंट्रोल ऑर्डर (डीपीसीओ) के प्रावधानों के अंतर्गत अधिसूचित दवाइयां की कीमतों की मॉनीटरिंग कर रही है।
ठगे जा रहे लोग पर कार्रवाई नाकाफी ओवररेट दवाइयां खरीदकर आम मरीज व आम लोग एक तरह से ठगे जा रहे हैं। निजी अस्पतालों में ओवररेट के कई मामले सामने आते हैं। हालांकि सीएमएचओ ने हाल में सभी निजी अस्पतालों, मेटरनिटी होम व क्लीनिक को पत्र लिखकर संचालकों को दवाओं में जरूरी छूट देने को कहा था। अस्पताल छूट दे रहे हैं या नहीं, इसकी मॉनीटरिंग नहीं हो रही है। अगर एमआरपी ज्यादा डलवाकर छूट दी जाए तो इससे मरीजों को राहत नहीं मिलने वाली है।