सांसद अग्रवाल ने पत्र में उल्लेख किया है कि राजधानी
रायपुर की जनसंया आज 16 लाख से अधिक हो चुकी है। वहीं रायपुर, बिरगांव, माना, मंदिरहसौद जैसे नगरीय क्षेत्रों को जोड़ दें तो यह आंकड़ा 30 लाख से ऊपर पहुंचता है। साथ ही लगातार हो रहे वीवीआईपी मूवमेंट, साइबर अपराधों में वृद्धि और बढ़ते ट्रैफिक दबाव के कारण पुलिस बल पर अत्यधिक भार पड़ा है। वर्तमान में रायपुर जिले में 3805 पुलिस पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 796 पद रिक्त हैं।
आरक्षकों के 2738 स्वीकृत पदों के विरुद्ध केवल 2007 पद ही भरे हुए हैं। जिससे आमजन को असुविधा और पुलिस बल को कार्य संचालन में कठिनाई हो रही है। यातायात व्यवस्था को लेकर अग्रवाल ने पत्र में उल्लेख किया कि रायपुर में पंजीकृत वाहनों की संया 17 लाख से अधिक हो चुकी है। जबकि बीपीआर एंड डी के मानकों के अनुसार 2388 बल की आवश्यकता है, लेकिन वर्तमान में मात्र 416 यातायात कर्मी उपलब्ध हैं।
सांसद ने मुयमंत्री से आग्रह किया है कि रायपुर जिले में रिक्त पुलिस पदों की शीघ्र भर्ती कराई जाए तथा राजधानी के बढ़ते स्वरूप के अनुसार अतिरिक्त पुलिस बल की स्वीकृति दी जाए, ताकि अपराध नियंत्रण, ट्रैफिक प्रबंधन और आम नागरिकों की सुरक्षा को प्रभावी बनाया जा सके।