Bear Attack: वन विकास निगम की कार्यशैली
घटना बुधवार को सुबह करीब 6 बजे की है। जब सुखदेव खेत की दिशा में शौच के लिए गया थे। ग्रामीणों ने बताया कि मोहदा क्षेत्र वन विकास निगम परिक्षेत्र रवान के अंतर्गत आता है। जहां पहले भी
जंगली जानवरों की आवाजाही और हमलों की आशंकाएं जताई गई थीं पर वन विभाग द्वारा सुरक्षा या चेतावनी के कोई पुता इंतजाम नहीं किए गए।
घटना के बाद परिजन घायल सुखदेव को निजी साधन से अस्पताल ले गए। जहां उनका इलाज जारी है। परिजनों और ग्रामीणों का कहना है कि यदि समय रहते वन विभाग सतर्क होता और गांव के आसपास के जंगलों में निगरानी, सूचना तंत्र या चेतावनी बोर्ड की व्यवस्था होती तो यह हादसा टाला जा सकता था। वन विभाग की नाकामी उजागर करती यह घटना वन विकास निगम की कार्यशैली पर सवाल खड़े करती है।
पूरे क्षेत्र में डर का माहौल
Bear Attack: बारनवापारा जैसे महत्वपूर्ण वन मंडल के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में न वनकर्मी की गश्त, न चेतावनी संकेतक, न ही ग्रामीणों को जागरूक करने की कोई पहल दिखाई देती है। इससे ग्रामीणों की सुरक्षा भगवान भरोसे दिखती है। ग्रामीणों ने वन विभाग से मांग की है कि गांवों के आसपास के इलाकों में नियमित गश्त की जाए। भालुओं और अन्य वन्यजीवों की आवाजाही की जानकारी देने वाली अलर्ट प्रणाली विकसित की जाए। लोगों को जंगल जाने से रोकने या सतर्क करने के लिए साइनबोर्ड और चेतावनी जारी की जाए। साथ ही पीड़ित परिवार को वन विभाग द्वारा शीघ्र मुआवजा और
चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई जाए। इस दर्दनाक घटना ने पूरे क्षेत्र में डर का माहौल बना दिया है। ग्रामीणों का वन विभाग पर से भरोसा उठता नजर आ रहा है और मांग की जा रही है कि वन्यजीवों से सुरक्षा के लिए त्वरित और ठोस कदम उठाए जाएं।