Bharatmala Project: 6-6 लोगों के नाम दर्ज कर शासन को करोड़ों रुपए का नुकसान
छापेमारी की जद में आने वाले उक्त सभी लोगों के घर, दफ्तर और फर्म में दबिश दी गई है। करीब 80 सदस्यीय ईओडब्ल्यू और एसीबी की टीम दस्तावेजों,
इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, लेनदेन और प्रॉपर्टी और जमीन अधिग्रहण के एवज में किए गए भुगतान, मोबाइल, दर्जनों बैंक एकाउंट एवं निवेश से संबंधित दस्तावेज मिले है। उक्त सभी के संबंध में पूछताछ कर जांच के लिए जब्त किया जा रहा है।
बताया जाता है कि भारतमाला सड़क परियोजना के लिए अभनपुर तारखेल क्षेत्र में भूमि अधिग्रहण और मुआवजा घोटाले को लेकर की गई है। राजस्व विभाग के अधिकारियों ने प्रॉपर्टी डिलिंग का काम करने वाले और अन्य लोगों के साथ मिलकर 1 जमीन के फर्जी तरीके से 6-6 लोगों के नाम दर्ज कर शासन को करोड़ों रुपए का नुकसान पहुंचाया।
जिन लोगों की जमीनें नहीं थी उन्हें भी कागजों में भूस्वामी बताकर करोड़ों रुपए का बंदरबाट किया गया। बता दें कि इस घोटाले को लेकर विधानसभा में हुए हंगामे के बाद राज्य सरकार ने कैबिनेट की बैठक में इस घोटाले की जांच कराने का फैसला लिया था। इसके बाद ईओडल्यू ने एफआईआर दर्ज कर छापेमारी की।
5 गांवों में घोटाले के मिले इनपुट
राज्य शासन द्वारा 5 गांवों के जमीन के संबंध में दिये गये रिपोर्ट के आधार पर पाया गया कि गलत तरीके से अधिक मुआवजा वितरीत की गई। भूस्वामी को किए गए भुगतान राशि में जमकर कमीशनखोरी की गई। बताया जाता है कि बहुत से अधिग्रहित गांवों के जमीनों और खसरों के संबंध में शासन को रिपोर्ट नहीं मिली है। इसका ब्यौरा मिलने पर घोटाले की रकम इससे कई गुना ज्यादा होने की संभावना विभागीय अधिकारियों ने जताई है। बता दें कि भारतमाला परियोजना के तहत रायपुर से विशाखापट्टनम प्रस्तावित इकॉनोमिक कॉरीडोर के भू-अर्जन किया गया है। इसके एवज में मुआवजा राशि वितरित की गई है।
ऐसे किया घोटाला
Bharatmala Project: तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) अभनपुर एवं राजस्व विभाग के निर्भय साहू अन्य अधिकारियों के साथ मिलकर सिंडिकेट बनाकर घोटाला किया। इसके लिए जमीन का मुआवजा लेने वालों के साथ मिलकर षड़यंत्र रचते हुए दस्तावेजों में हेराफेरी की।
रायपुर से विशाखापट्टनम के लिए प्रस्तावित इकोनॉमिक कॉरिडोर के भू-अर्जन के संबंध में शासन की अर्जित भूमि को पुन: शासन को विक्रय कर मुआवजा देने, भूमि स्वामी के बदले किसी अन्य व्यक्ति को मुआवजा दिया गया। इसके साथ ही निजी भूमि के गलत मुआवजा एवं निजी भूमि के मूल खसरा एवं रकबा से भी छेड़छाड़ की गई।
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हृदय लाल गिलहरे और