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Cabinet Expansion: छत्तीसगढ़ में हरियाणा फॉर्मूला लागू करने की चर्चा, मंत्रिमंडल के विस्तार के साथ घटेंगे कई मंत्रियों के कद, जानें

Cabinet Expansion: छत्तीसगढ़ में मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर अटकलों का दौर तेजी से चल रहा है। माना जा रहा है कि जल्द ही मंत्रिमंडल का विस्तार होगा।

रायपुरApr 09, 2025 / 11:08 am

Khyati Parihar

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Cabinet Expansion: छत्तीसगढ़ में मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर अटकलों का दौर तेजी से चल रहा है। माना जा रहा है कि जल्द ही मंत्रिमंडल का विस्तार होगा। साथ ही कई मंत्रियों का कद भी घटेगा। इसे लेकर भी राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है। मंत्रिमंडल के विस्तार का सीधा असर मुख्यमंत्री के विभागों पर पड़ेगा। वर्तमान में उन्हीं के पास सबसे ज्यादा विभाग है। इसके साथ ही दोनों डिप्टी सीएम के विभागों में भी असर पड़ने के संकेत मिले हैं।
दरअसल, भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के सांसद बनाने के बाद उनका सारा विभाग मुख्यमंत्री के पास आ गया। केवल संसदीय कार्य विभाग की जिम्मेदारी मंत्री केदार कश्यप को दी गई। इससे वर्तमान में मुख्यमंत्री के पास सबसे ज्यादा विभाग है। इसमें सीधे तौर पर एक को स्कूल और उच्च शिक्षा विभाग दिया जाता सकता है। क्योंकि यह विभाग अग्रवाल के पास थे।

Cabinet Expansion: हरियाणा फॉर्मूले से बढ़ेगी दिक्कत

छत्तीसगढ़ में हरियाणा फॉर्मूला लागू करने की चर्चा है। यहां भी छत्तीसगढ़ की तरह 90 विधायक है, लेकिन यह मुख्यमंत्री सहित मंत्रिमंडल की संख्या 14 है। यदि यह फॉर्मूला लागू होता है तो यहां तीन मंत्री बनाने होंगे। ऐसे में विभागों का बंटवारा करना मुश्किल हो जाएगा। बता दें कि मुख्यमंत्री के बाद सबसे ज्यादा विभाग डिप्टी सीएम अरुण साव और डिप्टी सीएम विजय शर्मा के पास है। दोनों के पास कई प्रमुख विभाग है।

कई मंत्रियों के पास गिनती के विभाग

वर्तमान मंत्रिमंडल में कई मंत्रियों के पास सिर्फ गिनती के एक या दो विभाग है। ऐसे में इनसे विभाग लेकर किसी दूसरे को देने में अड़चन खड़ी हो जाएगी। इस लिहाज से सीए और दोनों डिप्टी सीएम के विभागों पर सभी की नजर टिकी हुई है। हालांकि संगठन के सूत्रों का कहना है कि डिप्टी सीएम के विभागों में फेरबदल की संभावना बहुत कम है।
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अभी ऐसा है मंत्रिमंडल

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय- सामान्य प्रशासन, खनिज साधन, ऊर्जा, जनसंपर्क, वाणिज्यिक कर (आबकारी), परिवहन , स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, संसदीय कार्य, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व, पर्यटन एवं संस्कृति विभाग अन्य विभाग (जो किसी मंत्री को आवंटित नहीं हुआ हो)
उप मुख्यमंत्री अरुण साव- लोक निर्माण, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, विधि और विधायी कार्य एवं नगरीय प्रशासन विभाग।

उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा- गृह एवं जेल, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग।
मंत्री रामविचार नेताम- आदिम जाति विकास, अनुसूचित जाति विकास, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विकास, कृषि विकास एवं किसान कल्याण विभाग।

मंत्री दयालदास बघेल- खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग।

मंत्री केदार कश्यप- वन एवं जलवायु परिवर्तन, जल संसाधन, कौशल विकास एवं सहकारिता विभाग।
मंत्री लखन लाल देवांगन- वाणिज्य और उद्योग एवं श्रम विभाग।

मंत्री ओपी चौधरी- वित्त, वाणिज्यिक कर, आवास एवं पर्यावरण, योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग।

मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल- लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, 20 सूत्रीय कार्यान्वयन विभाग।
मंत्री टंकराम वर्मा – खेलकूद एवं युवा कल्याण, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग।

मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े- महिला एवं बाल विकास तथा समाज कल्याण विभाग।

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