CG Budget 2025: फलों से तय हो पेड़ों का मुआवजा
हालांकि, प्रशासन ने सीमेंट प्लांट पर एएफआर यूनिट को खुले में संचालित करने के लिए हल्की-फुल्की कार्रवाई की थी। मंडल की रिपोर्ट से यह बात साफ नहीं हो पाई थी कि इतने सारे बच्चे आखिर एकसाथ कैसे बेहोश हो गए! ऐसे में डॉ. चरणदास महंत ने संबंधित मंत्री की अनुपस्थिति में
मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल से जांच को लेकर सवाल पूछे।
मंत्री ने कहा कि वे मामले में की गई कार्रवाई की जानकारी उन्हें देंगे। वैसे बता दें कि यह सवाल नदियों में प्रदूषण से जुड़े एक सवाल के बीच पूछा गया था। विपक्ष ने इस दौरान पर्यावरण और जन स्वास्थ्य के मूुद्दे पर सरकार और जिम्मेदार
अधिकारियों की ओर से गंभीरता न दिखाने की बात कही।
रोहित ने कॉलेज बिल्डिंग के लिए 15 करोड़ मंजूर कराए
राजिम विधायक रोहित साहू ने भी बजट सत्र में
विधानसभा के विकास से जुड़े कई मुद्दे सदन पटल पर रखे। उनकी मांग पर कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने फिंगेश्वर कृषि कॉलेज की बिल्डिंग के लिए 15 करोड़ रुपए का फंड मंजूर किया है। उन्होंने विधानसभा में यह मांग भी उठाई कि कॉलेज के लिए जमीन फिंगेश्वर के नजदीक ही देखी जाए, ताकि स्टूडेंट्स को कॉलेज आने-जाने में परेशानी न हो।
इसके अलावा बजट में गरियाबंद जिले को बहुद्देशीय स्टेडियम, 200 बेड अस्पताल की सौगात देने के लिए भी विधायक रोहित ने सीएम विष्णुदेव साय, वित्त मंत्री ओपी चौधरी, कृषि मंत्री रामविचार नेताम आदि का आभार माना।
बिंद्रानवागढ़ विधानसभा में 30 प्रतिशत खेती जमीनें, जबकि 70 प्रतिशत जंगल है। यहां बड़ी आबादी वनोपजों पर निर्भर है। विधायक जनक ध्रुव ने विधानसभा में पूछा कि क्या अलग-अलग पेड़ों के लिए मुआवजे की अलग दरें तय हैं। दरअसल, विभिन्न सरकारी परियोजनाओं में भू मालिकों आर ग्राम वन विकास समितियों को जमीन अधिग्रहण और पेड़ कटने का ही मुआवजा मिल पाता है।
जानें क्या है जनता की मांग
ग्रामीण की आजीविका इन पेड़ों से मिलने वाले वनोपजों पर निर्भर होती है, जो पेड़ कटने से प्रभावित होती है। कृषि एवं उद्यानिकी मंत्री रामविचार नेताम ने बताया कि 18 फरवरी को ही इस बारे में सर्कुलर जारी किया गया है।
विधायक की मानें तो उन्होंने प्रश्न पहले लगाया था। जवाब तैयार करने के लिए अफसरों ने आनन-फानन में बैठक लेकर सर्कुलर निकाला है। इसमें वनोपजों की अलग दरें निर्धारित नहीं हैं।
यह इसलिए जरूरी है क्योंकि चिरौंजी 4 हजार रुपए किलो बिकता है, तो हर्रा-बेहड़ा 700 से 800 रुपए प्रति किलो बिकते हैं। हर वनोपज की कीमत अलग है। पेड़ कटने के समय कितने उम्र का है और उसका जीवनकाल कितने का है! इस हिसाब से मूल्यांकन कर मुआवजा दिया जाना चाहिए। मंत्री ने इस पर आश्वासन दिया है।