CG News: कांग्रेस कमेटी के निर्णय को खुली चुनौती
कांग्रेस के इन पांचों पार्षदों के इस्तीफे को प्रदेश
कांग्रेस कमेटी के निर्णय को खुली चुनौती माना जा रही है। क्योंकि कांग्रेस अध्यक्ष पर भी आरोप लगाए हैं कि रायपुर के लिए पर्यवेक्षक प्रतिमा चंद्राकर की रायशुमारी से संदीप साहू को नेता प्रतिपक्ष का निर्णय हुआ था।
इसके बाद पीसीसी द्वारा रायपुर समेत सभी निगमों के नेता प्रतिपक्ष, उपनेता के नामों की सूची जारी की गई। बगावत कर चुनाव जीतने वाले को महत्व देने का सवाल उठाते हुए इस्तीफा देने वाले कांग्रेस पार्षदों में संदीप साहू, जयश्री नायक, रेणु जयंती साहू, दीप मणिराम साहू एवं रोनिता प्रकाश जगत शामिल हैं। जबकि पूरे मामले से तीन पार्षद आकाश तिवारी, शेख मुनीर और अंजुरर्मन एजाज ढेबर अलग हैं।
विवाद की वजह
CG News: सभी जिलाध्यक्षों से कहा गया था कि नेता प्रतिपक्ष और उप नेता प्रतिपक्ष के नामों की घोषणा प्रदेश प्रभारी की सहमति से की जाएगी। इसके बाद किसी भी जिलाध्यक्ष ने अपनी ओर से कोई नाम जारी नहीं किया। वहीं,
रायपुर शहर अध्यक्ष गिरीश दुबे ने पीसीसी की अनुमति के बिना नेता प्रतिपक्ष के नाम का ऐलान कर दिया था।
बाद में प्रदेश प्रभारी की सहमति मिलने के बाद पीएससी ने नेता प्रतिपक्ष बदल दिया। इसे लेकर विवाद हो रहा है। बता दें कि लंबे समय से शहर अध्यक्ष दुबे को हटाने की चर्चा है। उनका छह साल का कार्यकाल भी पूरा हो गया है।
मलकीत सिंह गैदू, प्रदेश कांग्रेस महामंत्री: कुछ पार्षद नाराज हैं। सभी अपने हैं। उनकी नाराजगी दूर की जाएगी। सभी निकायों में नेता प्रतिपक्ष की सूची प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट की सहमति से जारी हुई है। जिसे मान्य करना चाहिए।
प्रमोद दुबे, पूर्व सभापति व कांग्रेस नेता: प्रदेश कांग्रेस कमेटी का निर्णय ही सभी के लिए मान्य होता है। निगम में यह परंपरा जरूरी है कि पार्टी द्वारा तय नेता प्रतिपक्ष के नाम का पत्र जिला अध्यक्ष के हस्ताक्षर से मान्य किया जाता है।
एजाज ढेबर, पूर्व महापौर: प्रदेश कांग्रेस कमेटी का आदेश और निर्णय सर्वोपरि होता है। नेता प्रतिपक्ष का नाम तय करने की प्रक्रिया में पीसीसी का अनुमोदन जरूरी होता है।