CG News: अधिनियम की धारा 3 और 4 के तहत कार्रवाई
यह आदेश 11 अप्रैल से 30 जून तक प्रभावी रहेगा। इस
अवधि में बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति किसी भी व्यक्ति द्वारा नलकूप खनन करना अवैध और दंडनीय होगा। यह प्रतिबंध पेयजल और गैर-पेयजल दोनों प्रयोजनों के लिए लागू रहेगा। शासकीय, अर्धशासकीय और नगरीय निकायों को पेयजल के लिए नलकूप खनन की अनुमति लेने की जरूरत नहीं होगी।
हालांकि, उन्हें भी निर्धारित नियमों का कड़ाई से पालन करना होगा। कलेक्टर ने साफ किया है कि बिना अनुमति नलकूप खनन करने पर संबंधित व्यक्ति या एजेंसी के खिलाफ अधिनियम की धारा 3 और 4 के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसमें जुर्माना, कारावास या दोनों शामिल है। जनसुविधा को ध्यान में रखते हुए कलेक्टर ने इसके लिए प्राधिकृत अधिकारी भी नियुक्त कर दिए हैं।
प्रशासन ने नागरिकों से की अपील
CG News: ये नलकूप खनन की अनुमति देने के लिए जिम्मेदार होंगे। इन अधिकारियों को लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, नगरीय निकायों, तहसीलदार और नायब तहसीलदारों से रिपोर्ट लेकर अनुमति देने के निर्देश दिए गए हैं। बोर के लिए ब्लॉक लेवल पर बलौदाबाजार, पलारी, भाटापारा, सिमगा, कसडोल और गिरौद एसडीएम से मंजूरी लेनी होगी।
कलेक्टर ने कहा है कि
नलकूप खनन या मरम्मत का काम केवल पंजीकृत बोरवेल एजेंसी द्वारा ही किया जाएगा। कोई भी अनाधिकृत एजेंसी या व्यक्ति अगर खनन करता हुआ पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह निर्णय पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने और भूजल स्तर को संतुलित बनाए रखने के लिए लिया गया है। प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि आदेशों का पालन करें। अनावश्यक जल दोहन से बचें।