CG News: दवा का ओवरडोज बढ़ा सकता है खतरा
राजधानी में सप्ताहभर पहले ग्लूकोमा के मरीज का इलाज पुरानी बस्ती स्थित एक आई सर्जन ने किया। ग्लूकोमा के मरीजों को तीन दिनों के लिए डायनोक्स टेबलेट दिया गया। मरीज ने
मेडिकल स्टोर से मिले सभी टेबलेट को धोखे से खा गया। इसके बाद मरीज का पोटेँशियल लेवल कम हो गया। यही नहीं हार्ट की धड़कन भी बढ़ गई।
डॉक्टर ने पत्रिका को बताया कि जब मरीज फॉलोअप के लिए नहीं आया तो उन्हें शक हुआ। परिजनों से पड़ताल करने पर पता चला कि उनके यहां इलाज कराने के बाद वह बीमार पड़ गया है। उन्हें रायपुरा के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। स्वस्थ होने के बाद मरीज जब क्लीनिक पहुंचा, तब डॉक्टर को बताया कि उन्होंने मेडिकल स्टोर से मिले सभी टेबलेट खा लिये थे।
जांच रिपोर्ट देखने पर पता चला कि दवाई के ओवरडोज से उन्हें परेशानी हुई है। डॉक्टर के अनुसार डायनोक्स टेबलेट तीन दिनों से ज्यादा नहीं ले सकते। दरअसल ग्लूकोमा बीमारी में सर्जरी के बाद आंख के अंदर प्रेशर बढ़ जाता है। इस प्रेशर को कम करने के लिए ही डायनोक्स टेबलेट दिया जाता है, लेकिन ओवरडोज से लेने के देने पड़ सकते हैं।
कटा हुआ स्टि्रप बिकेगा, इस तर्क पर पूरा टेबलेट थमाते हैं लोगों को
CG News: किसी भी मेडिकल स्टोर में 10 से कम दवा मांगने पर दुकानदार पूरी स्टि्रप थमा देता है। दरअसल उनका तर्क होता है कि बाकी दवा नहीं बिकेगी। हालांकि कुछ ही दुकानदार हैं, जो पर्ची के अनुसार टेबलेट की निर्धारित मात्रा देता है। हालांकि ये देखने में छोटी बात है, लेकिन स्वास्थ्य की दृष्टि से ये गंभीर मामला है। मरीज भी डॉक्टरों के डोज के अनुसार दवा खाएं। इससे बीमारी ठीक होने में मदद मिलती है। कम डोज लेने पर भी बीमारी ठीक नहीं होती। ज्यादा डोज लेने पर नुकसान होता है।
सीनियर नेत्र रोग विशेषज्ञ व रिटायर्ड डिप्टी डायरेक्टर स्वास्थ्य विभाग, डॉ. सुभाष मिश्रा: ग्लूकोमा के एक मरीज डायनोक्स टेबलेट के ओवरडोज से बीमार हो गया। उनका पोटेशियम लेवल कम हो गया और हार्ट की धड़कन भी बढ़ गई थी। दरअसल मरीज मेडिकल स्टोर से मिले सभी 10 टेबलेट को धोखा से खा गया था। दुकानदारों को चाहिए कि डॉक्टर की पर्ची के अनुसार टेबलेट दें। मरीज भी डोज के अनुसार ही दवा खाए। फूड एंड ड्रग विभाग के अफसरों को भी ऐसे मामले में ध्यान देने की जरूरत है।
मुनाफे की डोज: मेडिकल स्टोर वाले दे रहे ज्यादा दवा, फूड एंड ड्रग विभाग की कार्रवाई शून्य
केस-एक
55 वर्षीय एक व्यक्ति को ग्लूकोमा के बाद नेत्र रोग विशेषज्ञ ने तीन दिन के लिए डायनोक्स का 6 टेबलेट लिखा। मरीज मेडिकल स्टोर पहुंचा तो वहां 10 टेबलेट दे दिया। मरीज ने पूरा टेबलेट खा लिया। इसके बाद उनके शरीर में झुनझुनी होने लगी। जांच से पता चला कि शरीर में पोटेशियम का स्तर काफी कम हो गया है। मरीज को
अस्पताल में भर्ती करना पड़ा।
केस-दो
25 वर्षीय युवक के लिए जनरल फिजिशियन ने स्टेरायड दवा लिखी। मरीज को राेजाना एक टेबलेट, केवल तीन दिन खाने के लिए कहा गया। इस मरीज को भी 3 के बजाय 10 टेबलेट दिया गया। मरीज भी तीन के बजाय पूरा टेबलेट खा गया। बाद में भी मर्जी से दवा खाने लगा। जांच में पता चला कि युवक का शुगर लेवल काफी बढ़ गया है और व डायबिटीक हो गया है।