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रायपुर

पहले जलभराव, फिर पसरी गंदगी और अब इसके दूषित होने का खतरा

दो बार बारिश की वजह से रायपुर की कॉलोनी, मोहल्लों में जलभराव हुआ। इससे नालियों एवं आसपास की गंदगी हैंडपंपों और बोरवेल तक पसरी है। इस वजह से जल स्रोतों के ज्यादा दूषित होने का खतरा रहता है।

रायपुरJun 04, 2025 / 06:59 pm

Rabindra Rai

पहले जलभराव, फिर पसरी गंदगी और अब इसके दूषित होने का खतरा

पहले जलभराव, फिर पसरी गंदगी और अब इसके दूषित होने का खतरा

पीलिया जैसी रोग जनित बीमारियां बढ़ेंगी

बरसात की शुरुआत में राजधानी के कई मोहल्ले उल्टी-दस्त, पीलिया जैसी रोग जनित बीमारियों के चपेट में आ जाते हैं। समय रहते ऐसी जगहों के जल स्रोतों के शुद्धिकरण के लिए ध्यान ही नहीं जाता है। खासतौर पर उन जगहों जहां सीधे तौर पर बोरवेलों से जल आपूर्ति कराई जाती है।

कई परिवार आ चुके हैं चपेट

पिछले सालों की िस्थतियों को देखें तो दूषित पानी की वजह से ही लाभांडी, जोरा, डब्ल्यूआरएस बस्ती, राजातालाब बस्ती, हीरापुर, कोटा बस्ती में कई परिवार जलजनित बीमारी की चपेट में आए थे। वैसी ही िस्थति इस बार भी निर्मित होने से इनकार नहीं किया जा सकता है। क्योंकि जोन स्तर पर हैंडपंपों और बोरवेल के आसपास जलभराव काफी हुआ है। ब्लीचिंग पाउडर का छिडक़ाव, क्लोरीन की गोलियां, पानी छानकर और उबालकर पीने की सलाह डॉक्टर दे रहे हैं, लेकिन निगम अमला अभी सक्रिय नहीं है। जबकि सबसे अधिक खतरा बरसात के शुरुआती दिनों में जब तेज बारिश होती और मोहल्ले, कॉलोनियों में पानी भर जाता है तो सबसे अधिक खतरा उल्टी-दस्त और पीलिया फैलने का ही रहता है।

हर दिन करा रहे 25 से 30 सैम्पल

इधर, निगम के जल विभाग के अधिकारियों का कहना है कि नलों में गंदा पानी आने की आशंका को देखते हुए अमले को अलर्ट किया गया है। सार्वजनिक बोरवेल और हैंडपंपों की संख्या निगम क्षेत्र में 2200 से ज्यादा है, जिसके पानी का उपयोग लोग पीने में करते हैं। सबसे अधिक लाभांडी और जोरा क्षेत्र में बोरवेल से ही पानी सप्लाई होता है, क्योंकि इस क्षेत्र की पानी टंकियों में मेन पाइपलाइन ही नहीं बिछी है। पाइपलाइन में लीकेज की वजह से भी गंदा पानी का खतरा होता है। ऐसे में शहर के 25 से 30 जगहों से पानी के सैम्पल लेकर उसकी जांच फिल्टर प्लांट में कराने की व्यवस्था है।

महापौर ने पार्षदों समेत अधिकारियों की बैठक ली

इधर शहर में शुद्ध पेयजल आपूर्ति की समीक्षा करने के लिए महापौर मीनल चौबे ने सोमवार को जल विभाग के अध्यक्ष संतोष साहू समेत पार्षदों और अधिकारियों की बैठक ली। इस दौरान उन्होंने नलकूपों के संबंध में जानकारी ली और शहर को टैंकर मुक्त करने की दिशा में ठोस प्रयास करने के निर्देश दिए। जलआपूर्ति व्यवस्था के लिए विगत दिनों महापौर ने जोनों में जाकर बैठकें ली थी। उस पर कितना अमल हुआ, इसकी भी समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों से दो टूक कहा कि जहां जरूरत है वहां पाइपलाइन का प्रस्ताव दें और एक ही जगह कई नलकूप खनन बिल्कुल नहीं होने चाहिए। पेयजल टैंकरों के देयकों का भुगतान बिना सत्यापन एवं प्रमाणित किए न करें। हैंडपंपों और बोरवेल के शुद्धिकरण का काम जोन स्तर पर अभियान चलाकर करने की जरूरत है, ताकि जनजनित जैसी बीमारियों के खतरे को टाला जा सके।

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