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रायपुर

Jain Chaturmas: साधु-साध्वियों के मंगल प्रवेश के साथ चातुर्मास प्रारंभ, धार्मिक विधि-विधान से कलश स्थापना आज

Jain Chaturmas: यह पूजन 9 जून से प्रारंभ होकर पूरे चातुर्मास विमलनाथ मंदिर में प्रतिदिन किया जाएगा तथा जो श्रावक व श्राविका तथा बच्चों के द्वारा प्रतिदिन पूजन किया जाएगा।

रायपुरJul 09, 2025 / 12:41 pm

Laxmi Vishwakarma

धर्म, ज्ञान और साधना का पर्व चातुर्मास आज से शुरू (Photo source- shutterstock)

धर्म, ज्ञान और साधना का पर्व चातुर्मास आज से शुरू (Photo source- shutterstock)

Jain Chaturmas: साधु-साध्वियों के मंगल प्रवेश के साथ ही शहर के आधा दर्जन स्थानों पर बुधवार को विधि-विधान से कलश स्थापना के साथ चातुर्मास प्रारंभ होने जा रहा है। कलश स्थापना में श्रद्धालुओं की बोली से प्राप्त धन को धार्मिक और सेवाकार्यों पर खर्च किया जाता है। साधना पर्व को लेकर सकल जैन समाज में उत्साह है। चातुर्मास स्थानों पर अच्छी तैयारियां की गई हैं।

Jain Chaturmas: वैराग्य के बिना मोक्ष मार्ग संभव नहीं

शहर के दादाबाड़ी, भैरव सोसायटी विमलनाथ जिनालय, विवेकानंदनगर, राजेंद्रनगर, लाभांडी, देवेंद्रनगर में गुजराती उपाश्रय में साधु-साध्वियां विराजे हैं। वे यहीं चार महीने अध्यात्म की अमृत वर्षा से समाजजनों को तृप्त करेंगे। जिन शासन की दिव्य देषणा और आध्यात्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण वातावरण में चातुर्मास का शुभारंभ होगा। विमलनाथ जिनालय में तपस्वी मुनिराज प्रियदर्शी विजय द्वारा बताया गया कि परमात्मा की देषणा में यह स्पष्ट किया गया कि वैराग्य के बिना मोक्ष मार्ग संभव नहीं।
सूर्य और चंद्रमा जैसे तेजस्वी ग्रह भी जब परमात्मा के समीप आते हैं, तो वे अपने शरीर को वहीं छोड़कर आते हैं, क्योंकि उस दिव्य उपस्थिति में केवल आत्मा का अस्तित्व रह जाता है। अब तक 108 आत्माओं ने मोक्ष की सिद्धि प्राप्त की है। धार्मिक और आध्यात्मिक चेतना को जागृत करने के लिए इन दिनों ज्ञान की पांच पूजा का विशेष लाभ का अवसर श्रावक को प्राप्त होगा।

संस्कारों में गिरावट पर माताओं को करना होगा चिंतन

शंकरनगर में तीन दिनों से कथा सुना रहे आचार्य पुनीत कृष्ण ने प्रभु श्रीराम के जन्म से बाल्यकाल तक की कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि बड़ों का अपमान, क्रोध और अहंकार से व्यक्ति नीचे गिरता है। वाणी से ही संस्कार झलकते हैं। कथा में भक्त प्रहलाद चरित्र और नरसिंह अवतार कथा का भी वर्णन किया। उन्होंने कहा, संयम और विनम्रता से ही भक्ति फलती है।
इस तरह से मोबाइल की लत बच्चों में लग रही है, वो माताओं को चिंतित करने वाली हैं। इस पर जरूर ध्यान दें। यह मसला संस्कार से जुड़ा है और मां का पद सर्वोच्चतम है। कथा का रसपान करने बड़ी संख्या में माता-बहनें पहुंची। कथा के साथ ही स्टॉलों राखी पूजा सामग्री, पोशाक, ज्वेलरी कुर्तियां राखियां अन्य चीजों स्टॉल में भीड़ रही।

3 भाग्यशालियों को कूपन के आधार पर सम्मानित

Jain Chaturmas: प्रात: 6 से 6.20 बजे तक परमात्मा का उत्कृष्ट द्रव्यों द्वारा महाभिषेक सम्पन्न होगा, जो दिव्य भावों से ओतप्रोत रहा। यह पूजन 9 जून से प्रारंभ होकर पूरे चातुर्मास विमलनाथ मंदिर में प्रतिदिन किया जाएगा तथा जो श्रावक व श्राविका तथा बच्चों के द्वारा प्रतिदिन पूजन किया जाएगा। उन्हें टोकन दिया जाएगा तथा चातुर्मास के पश्चात तीन भाग्यशालियों को कूपन के आधार पर सम्मानित किया जाएगा। प्रवचन में प्रमुख रूप से अरविंद गोलछा, प्रकाश पारख, दिलीप लुंकड़, भारत जैन, मूलचंद लुंकड़ उपस्थित थे।

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