तालाब करीब 4 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है। स्थानीय पूर्व पंच अमर दास टंडन ने इस मामले को कई बार उठाया है। उनका आरोप है कि रात के अंधेरे में भी खुदाई चलती रही। खनिज विभाग ने आंखें मूंद लीं। टंडन ने मांग की है कि खुदाई की जांच हो और मुरूम की मार्केट कीमत के अनुसार जो भी रकम बनती है, वह ग्राम पंचायत के खाते में जमा की जाए। तालाब सौंदर्यीकरण के नाम पर चल रहे इस अवैध कारोबार से ग्रामीणों में नाराजगी बढ़ रही है।
CG News: सांकरा के मांघी तालाब में मुरूम माफिया का कब्जा
उन्हें अब भी उमीद है कि प्रशासन कार्रवाई करेगा। यदि ऐसा नहीं हुआ तो ग्रामीण विरोध प्रदर्शन की योजना बना सकते हैं। तहसीलदार बाबूलाल कुर्रे ने बताया कि मामला माइनिंग विभाग को सौंपा गया है। तहसील कार्यालय की इसमें कोई भूमिका नहीं है। वहीं खनिज
अधिकारी उमेश भार्गव से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन नेटवर्क न होने के कारण बात नहीं हो सकी।
ग्राम सचिव रतन साहू का भी फोन रिसीव नहीं हुआ। ग्रामीणों की मांग है कि तालाब में पानी भरने से पहले इसकी स्वतंत्र जांच कराई जाए, ताकि भविष्य में ऐसे मामलों पर रोक लग सके। धरसीवा
तहसीलदार के बाबूलाल कुर्रे ने कहा की यह मामला अब माइनिंग विभाग के पास है। माइनिंग विभाग ने इस मामले में कार्रवाई की है। तहसील कार्यालय इस मामले में हस्तक्षेप नहीं कर सकता।