पुलिस जांच में यह पला लगा है कि दलाल ने छत्तीसगढ़ की नाबालिग लड़कियों को 30 से 40 हजार रुपए कमाने का लालच देकर लेकर गए थे।
मानव तस्करी के जरिए पहुंचीं रेडलाइट एरिया तक
रायपुर की 5 नाबालिगों में से 2 सगी बहनें हैं। बाकी लड़कियां भी एक ही मोहल्ले की रहने वाली हैं। सभी की उम्र 12 से 16 साल के बीच हैं। बताया जाता है कि इन सभी को मानव तस्करी से जुड़े लोग बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गए थे। इसके बाद उन्हें देहव्यापार में धकेल दिया गया है। पुलिस और महिला बाल विकास की टीम नाबालिगों से पूछताछ कर रही है। इसमें बिहार,
छत्तीसगढ़ और रायपुर में सक्रिय मानव तस्करों का बड़ा नेटवर्क शामिल हैं।
पुलिस का दावा, कोई एफआईआर नहीं
रायपुर से गायब हुई नाबालिग लड़कियों को लेकर पुलिस का दावा है कि उनके परिजनों ने किसी तरह की शिकायत थाने में नहीं की है। उनकी मीसिंग रिपोर्ट दर्ज नहीं है। बता दें कि नाबालिगों के परिजन धुमंतू प्रवृत्ति के हैं। आशंका जताई जा रही है कि अशिक्षित भी हैं। फिलहाल नाबालिगों को रायपुर लाने के बाद पुलिस विस्तृत पूछताछ करेगी, जिससे मानव तस्करी को लेकर बड़ा खुलासा हो सकता है।
बिहार के रोहतास में रेस्क्यू के बाद जितने नाबालिग मिली हैं, उनमें से 5 रायपुर जिले की हैं। उन्हें लेने के लिए रायपुर पुलिस की टीम बिहार गई है। नाबालिगों से विस्तृत पूछताछ की जाएगी। नाबालिगों के परिजनों को सूचना दे दी गई है। – लाल उमेंद सिंह, एसएसपी, रायपुर