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Patrika Raksha Kavach: ठगों के जाल में फंसने के बाद साइबर फोबिया के शिकार हो रहे लोग, जानें इससे बचने का समाधान इस मैसेज को ओपन करते ही आपके मोबाइल को हैक कर लिया जाता है। इसके बाद फोनपे, पेटीएम सहित मोबाइल में उपलब्ध अन्य जानकारियां लेकर
ऑनलाइन ठगी को अंजाम देते हैं। हर साल बधाई, शुभकामना, निमंत्रण, करोड़ों का इनाम, लॉटरी आदि वाले मैसेज भेजकर सैकड़ों लोगों से ऑनलाइन ठगी करते हैं। साइबर क्राइम के जानकारों का मानना है कि ऐसी सीजन में सावधानी बरतने की जरूरत होती है। खासकर अनजान नंबरों से आने वाले मैसेजों को देखने से बचना चाहिए।
क्या है फिशिंग
फिशिंग एक प्रकार का साइबर हमला है। इसका मकसद मोबाइल, कंप्यूटर के जरिए आर्थिक लेन-देन की जानकारी लेना, बैंक खाता नंबर, फोनपे, पेटीएम, क्रेडिट कार्ड आदि के अलावा सिस्टम लॉगिन ₹ेडेंशियल व अन्य महत्वपूर्ण जानकारी हासिल करना होता है। फिशिंग अलग-अलग तरह की होती हैं। इनमें ई-मेल फ़िशिंग, स्पीयर फ़िशिंग, स्मिशिंग , विशिंग और व्हेलिंग शामिल हैं। इन्हें ई-मेल, टेक्स्ट मैसेज, वॉयस मैसेज आदि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसके जरिए साइबर क्रिमनल ठगी करते हैँ या मोबाइल, कंप्यूटर को डेटा चुराते हैं।
सावधान रहे, सतर्क रहें
एसीसीयू प्रभारी परेश पांडेय का कहना है कि साइबर ठगी करने वाले अवसर विशेष में ऐसे मैसेज, ई-मेल व अन्य तरीकों से लोगों को झांसे में लेते हैं। वाट्सऐप-टेलीग्राम जैसे सोशल मीडिया पर अनजान नंबरों से मैसेज आते हैं, तो लोग उत्सुकता के चलते उन्हें ओपन करते हैं। इससे बचना चाहिए। ऐसे नंबरों से आने वाले मैसेज-ईमेल को गलती से ओपन भी कर लें, तो उसमें मांगी गई जानकारी न दें।