यह पारंपरिक स्टेडीयोमीटर की तुलना में अधिक उपयोगी है और बच्चों को उनकी जगह से हिलाए बिना माप लेना संभव बनाता है। यह उपकरण छत्तीसगढ़ के मोहला-मानपुर और अंबागढ़ चौकी के 10 आंगनबाड़ी केंद्रों और 2 स्कूलों में 250 से अधिक बच्चों पर परीक्षण के बाद 99.998त्न सटीक पाया गया है। हाल ही में एनआईटी
रायपुर और जन स्वास्थ्य सहयोग गनियारी के बीच एक समझौता भी हुआ है, जिसके तहत छात्रों को ग्रामीण स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं को समझने और समाधान तैयार करने का अवसर मिलेगा। ये उपकरण 750 रुपए प्रति यूनिट की दर से दिए गए हैं, भविष्य में इसकी लागत 500 रुपए से भी कम करने की योजना है।
ऊबड़-खाबड़ सतहों पर भी सटीक माप छात्रों ने ग्रामीण क्षेत्रों में वजन मापने की समस्या को ध्यान में रखते हुए छात्रों ने एक ऐसा डिजिटल वेट मशीन तैयार किया है जो ऊबड़-खाबड़ सतहों पर भी सटीक माप दे सकती है। इस प्रयास में एस रायपुर के छात्र अच्युतानंद बिस्वास और एनआईटी के आकाश गुप्ता भी शामिल हैं। छात्रों को बायोमेडिकल विभाग के सौरभ गुप्ता मार्गदर्शन दे रहे हैं।