अभी हर महीने 1 करोड़ 10 लाख रुपए देना पड़ता है। बारिश में फिल्टर प्लांट में आने से उसके शुद्धिकरण में फिटकरी की मात्रा भी बढ़ी है। इस समय रोज डेढ़ टन फिटकरी फिल्टर प्लांट में खपने लगी है।
CG News: गंगरेल से पानी नहीं लेने पर बचेंगे 3 करोड़ 60 लाख रुपए
फिल्टर प्लांट के अधिकारियों के अनुसार बरसात का पानी ज्यादा मटमैला होता है, इसलिए उसके शुद्धिकरण में उतनी ज्यादा फिटकरी का उपयोग प्लांट में करना पड़ता है। अभी डेढ़ टन फिटकरी का उपयोग रोज हो रहा है, परंतु जैसे ही गंगरेल बांध से पानी लेना बंद कर देंगे और
खारुन नदी से पानी लेंगे तो उसके शुद्धिकरण में रोजाना 17 से 18 टन फिटकरी की खपत होगी। हर साल निगम बरसात के तीन महीने जुलाई, अगस्त और सितंबर में खारुन नदी से ही रोज 320 टन पानी लेता है, इस वजह से हर महीने पानी का बिल 1 करोड़ 10 लाख रुपए नहीं देना पड़ता।
झड़ी से इंटेकवेल के पास 5 इंच पानी बढ़ा
नगर निगम के फिल्टर प्लांट में काठाडीह इंटेकवेल से पानी आता है। इस जगह पर पानी को रोकने के लिए नदी में एनीकट बनाया गया है। पिछले दो दिनों से लगी झड़ी की वजह से सोमवार को 5 इंच पानी का स्तर बढ़कर 10 इंच हो गया है। अभी गंगरेल बांध का पानी ही फिल्टर प्लांट में लिया जा रहा है।
अधिकारियों का कहना है कि अभी दो-तीन और इंतजार करेंगे। क्योंकि यदि अभी से बांध का पानी लेना बंद कर देंगे और अचानक मौसम साफ हो गया तो दिक्कत होगी।
अब तेज बारिश होने पर गंगरेल बांध से पानी लेना बंद कर देंगे। अभी इंतजार कर रहे हैं। जलस्तर बढ़ने के साथ ही अगले तीन महीने तक खारुन नदी के पानी से शहर की प्यास बुझती है। नरसिंग फरेंद्र, कार्यपालन अभियंता, फिल्टर प्लांट
पौने 4 करोड़ बिजली बिल
फिल्टर प्लांट में हर दिन 320 एमएलडी रॉ वाटर आता है, उस पानी की शुद्धिकरण प्रक्रिया में हर महीने पौने 4 करोड़ रुपए बिजली का बिल आता है। शहर के 70 वार्डों से ले रहे 150 से 200 सैम्पल
बरसात में नलों में गंदा पानी आने की शिकायतें भी बढ़ जाती हैं। इसे देखते हुए फिल्टर प्लांट की वैन से टीम को शहर के 70 वार्डों से 150 से 200 जगहों से पानी का सैम्पल लेना शुरू कराया गया है। यह भी दावा किया जा रहा है कि जांच में अभी कहीं भी दूषित पानी की रिपोर्ट नहीं आई है।