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CG News: आंबेडकर अस्पताल का मामला… अब पेंशनरों को तीन दिनों में मिलेगी दवा, वेंडर को नोटिस वृंदावन ग्लोबल कंपनी सोलन में बनी विल्डमेड टैबलेट बैच नं वीजीटी 242068ए, आई हील फार्मास्यूटिकल्स, बद्दी की रिफलीवे एम टैबलेट बैच नंबर एचजी 24080598 तथा क्विक्सोटिक फार्मा, मोहाली में बनी डोंलोकैर डीएस सस्पेंशन बैच नंबर डीसीएन-002 सब स्टैंडर्ड निकली है। ये सैंपल विभिन्न मेडिकल स्टोर से लिए गए थे। इसके बाद कालीबाड़ी स्थित राज्य स्तरीय ड्रग लैब में जांच करवाई गई। ड्रग इंस्पेक्टरों ने रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, सक्ती, राजनांदगांव, कोंडागांव, सूरजपुर सहित अन्य जिलों से कुल 34 दवाओं के सैंपल लिए थे। इसके बाद जांच के लिए भेजा गया।
नियमित सैंपल लेने पर घटिया दवा खाने से बच जाएंगे लोग:्र फूड एंड ड्रग विभाग नियमित सैंपल ले तो आम लोग घटिया दवा खाने से बच जाएंगे। ये सोचने वाली बात है कि खुले बाजार में बिकने वाली दवाइयां भी अमानक निकल रही हैं। ऐसे में आम लोग या मरीज किस पर विश्वास करें। विशेषज्ञों का कहना है कि अमानक दवाओं से बचने के लिए अच्छी व नामी कंपनियों की दवाइयां खरीदी जाए। दवा खरीदते समय एक्सपायरी डेट जरूर देखें। विश्वसनीय मेडिकल स्टोर से ही दवा खरीदें।
हाल में आंबेडकर अस्पताल में भी पतले खून को सामान्य करने वाला प्रोटामिन सल्फेट इंजेक्शन घटिया निकला है, लेकिन सीजीएमएससी की कार्रवाई शून्य है। यह इंजेक्शन नासिक की वाइटल हैल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड में बना है। बैच नंबर वी24133, मैनुफैक्चर डेट जून 2024 व एक्सपायरी डेट मई 2026 है। इसका उपयोग ओपन हार्ट सर्जरी के बाद मरीजों का खून सामान्य या गाढ़ा करने के लिए किया जाता है।
दरअसल इस इंजेक्शन को मरीज को लगाने के बाद 1 से 2 मिनट में खून सामान्य हो जाना चाहिए, लेकिन 20 से 25 मिनट लग रहा है। सर्जरी के पहले हिपेरिन इंजेक्शन लगाया जाता है। डिवाइन कंपनी वड़ोदरा का हिपेरिन इंजेक्शन घटिया निकल चुका है। इस पर कार्रवाई करते हुए कॉर्पोरेशन ने कंपनी के साथ रेट कांट्रेक्ट खत्म कर दिया।