scriptCG News: गर्मी की शुरुआत से गहराने लगा जल संकट, पिछली बार से 20 से 39 फीसदी जलभराव कम | Water crisis has started worsening with the onset of summer | Patrika News
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CG News: गर्मी की शुरुआत से गहराने लगा जल संकट, पिछली बार से 20 से 39 फीसदी जलभराव कम

CG News: छत्तीसगढ़ में जल संकट गहरा सकता है। इसकी चिंता विधानसभा के बजट सत्र में भी दिखाई दी। भाजपा विधायक ने इसे लेकर ध्यानाकर्षण लगाया था।

रायपुरMar 24, 2025 / 09:20 am

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CG News: गर्मी की शुरुआत से गहराने लगा जल संकट, पिछली बार से 20 से 39 फीसदी जलभराव कम
CG News: प्रदेश में गर्मी की शुरुआत के साथ ही जल संकट के बादल गहराने लगे हैं। इसका सीधा असर प्रदेश के बड़े और मध्यम स्तर के बांधों पर भी पड़ रहा है। पिछले साल की तुलना में इस बार बांधों में 20 से 39 फीसदी जलभराव कम हैं। छोटे बांधों की स्थिति और भी खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है। छोटे स्तर के अधिकांश बांध सूखने के कगार पर पहुंच गए हैं। इससे आने वाले दिनों में निरस्तरी और पेयजल को लेकर सकंट खड़ा हो सकता है। इस साल बारिश अच्छी हुई है।
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अधिकांश बड़े जलाशयों में पर्याप्त जलभराव हुआ है। जलाशय से पानी छोड़ना पड़ता था। वहीं अब मार्च के अंत तक आते-आते बांधों में जलभराव का स्तर कम होने लगा है। जानकारों का कहना है कि इस बार दिसम्बर और जनवरी में ज्यादा बारिश नहीं हुई है। इसका असर नदी-नालों और जलाशयों पर पड़ रहा है। इसका नतीजा यह रहा कि प्रदेश के बड़े बांधों में शामिल गंगरेल (रविशंकर सागर), बांगो (मिनीमाता परियोजना) समेत अन्य मध्यम व छोटे बांधों में जलभराव वर्ष 2023 और 2024 के मुकाबले सबसे कम हुआ है।
वर्तमान में गंगरेल में 58.59 प्रतिशत ही जलभराव है, जबकि 2024 में यह 77.93 फीसदी था। यानी इस बार 19.34 फीसदी जलभराव कम है। यही स्थिति मिनी माता बांगों की भी दिखाई दे रही है। यहां पिछले साल की तुलना में 27.53 फीसदी जलभराव कम है। मुरुमसिल्ली में पिछले बार की तुलना में इस बार करीब 38 फीसदी जलभराव कम हुआ है। हालांकि वर्ष 2023 की तुलना में इस बार इसकी स्थिति बहुत बेहतर है। वर्ष 2023 में यहां केवल 10.30 फीसदी ही जलभराव था। बता दें कि प्रदेश में 12 बड़े और 34 मध्यम स्तर के बांध है।
कोडार में सिर्फ 19.87 फीसदी पानी बचा

महासमुंद के कोडार जलाशय की स्थिति सबसे ज्यादा खराब नजर आ रही है। जल संसाधन विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक यहां से 19.87 फीसदी पानी बचा है। जबकि बीते वर्ष इस अवधि में यहां 31.99 फीसदी जलभराव था। मुंगेली के मनियारी जलाशय में पिछले बार की तुलना में इस बार जल भराव अधिक है। यहां बीते सात 54.68 फीसदी जलभराव था। जबकि मौजूदा समय में यहां 67.87 फीसदी जलभराव है।
विधानसभा में उठा मामला, होगी उच्च स्तरीय बैठक

आने वाले समय में छत्तीसगढ़ में जल संकट गहरा सकता है। इसकी चिंता विधानसभा के बजट सत्र में भी दिखाई दी। भाजपा विधायक ने इसे लेकर ध्यानाकर्षण लगाया था। इस ध्यानाकर्षण की खास बात यह थी कि इसमें सत्ता और विपक्ष दोनों पक्ष के विधायकों को अपनी-अपनी बातें और सुझाव रखने का मौका दिया गया था। इसके बाद जल संकट से निपटने के लिए अब जल्द ही मुख्यमंत्री विष्णु देव साय उच्च स्तरीय बैठक लेंगे।
बड़े बांधों में जलभराव की स्थिति

बांध- 2025-2024-2023
मिनीमाता बांगो -45.58 -60.60 -73.11
रविशंकर सागर- 58.59-77.93-84.21
तांदुला – 49.07-41.32-78.22
दुधावा- 49.81-81.16-18.68
सिकासार-47.32-68.33-68.53
खारंग-59.28-65.69-91.19
सोंढुर-63.16-74.87-39.65
मुरुमसिल्ली- 33.75-72.56-10.30
कोड़ार-19.87-31.99-33.21
मनियारी- 67.87-54.68-93.97
केलाे – 45.62-70.59-78.82
अरपा-भैसाझार- 54.48-72.26-42.42

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