scriptWorld Cancer Day 2025: कैंसर के 100 में से 60 मरीज गंवा देते हैं जान, एडवांस ट्रीटमेंट मिलने के बाद भी मौतों में कोई खास कमी नहीं | World Cancer Day 2025: 60 out of 100 cancer patients lose their lives | Patrika News
रायपुर

World Cancer Day 2025: कैंसर के 100 में से 60 मरीज गंवा देते हैं जान, एडवांस ट्रीटमेंट मिलने के बाद भी मौतों में कोई खास कमी नहीं

World Cancer Day 2025: राजधानी समेत विभिन्न शहरों के स्लम एरिया में किशोरों में आहार नली के ऊपरी भाग यानी ओरोपैरिंग्स, गले व जीभ के पिछले हिस्से में कैंसर हो रहा है।

रायपुरFeb 04, 2025 / 11:17 am

Laxmi Vishwakarma

World Cancer Day 2025: कैंसर के 100 में से 60 मरीज गंवा देते हैं जान, एडवांस ट्रीटमेंट मिलने के बाद भी मौतों में कोई खास कमी नहीं
World Cancer Day 2025: पीलूराम साहू/कैंसर के 100 में से 60 मरीज मर जाते हैं, क्योंकि ज्यादातर मरीज सेकंड या थर्ड स्टेज में इलाज करवाने अस्पताल पहुंचते हैं। आंबेडकर अस्पताल स्थित प्रदेश के सबसे बड़े कैंसर रीजनल सेंटर के ये डेटा है। डॉक्टरों के अनुसार, एडवांस ट्रीटमेंट आने के बावजूद मरीजों की ज्यादा मौत इसलिए हो रही है, क्योंकि इलाज में देरी हो जाती है। अगर वे फर्स्ट स्टेज में इलाज करवाने पहुंचे तो कई मरीजों की जान बचाई जा सकती है।

World Cancer Day 2025: सर्वाइकल व ब्रेस्ट कैंसर के मरीज सबसे ज्यादा

प्रदेश में सर्वाइकल व ब्रेस्ट कैंसर के मरीज ज्यादा हैं। कुछ केस ऐसे भी हैं, जिसमें कैंसर मरीज समय पर इलाज के लिए पहुंचा और वे पिछले 20 सालों से सामान्य जीवन जी रहे हैं। 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस है। इस मौके पर पत्रिका ने कैंसर विशेषज्ञों से बीमारी के ट्रेंड व इलाज पर बात की। डॉक्टरों के अनुसार, सेकंड या थर्ड स्टेज पर कैंसर कोशिकाएं शरीर में फैल चुकी होती हैं। ऐसे में मरीजों का इलाज तो होता है, लेकिन कई साइड इफेक्ट व रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने से मरीज जान गंवा देते हैं।

तंबाकू व गुड़ाखू सेवन बड़ा कारक, अनहेल्दी फूड भी

कैंसर के प्रमुख कारकों में लंबे समय तक तंबाकू व गुड़ाखू सेवन प्रमुख वजह है। इससे फेफड़े, मुंह व लिवर कैंसर होता है। कैंसर विशेषज्ञ डॉ. प्रदीप चंद्राकर व हिमेटोलॉजिस्ट डॉ. विकास गोयल के अनुसार दूसरी वजहों में यदि परिवार में किसी को कैंसर है, तो इस बीमारी के होने की आशंका बढ़ जाती है। वहीं, ह्यूमन पेपिलोमा वायरस कैंसर का कारण है। अनहेल्दी फूड्स या रिफाइंड खाद्य पदार्थ, जिनमें फाइबर की मात्रा कम होती है, वो कोलन कैंसर की आशंका को बढ़ाते हैं।
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स्लम एरिया में गुड़ाखू की लत, किशोरों में कैंसर

राजधानी समेत विभिन्न शहरों के स्लम एरिया में किशोरों में आहार नली के ऊपरी भाग यानी ओरोपैरिंग्स, गले व जीभ के पिछले हिस्से में कैंसर हो रहा है। डॉक्टर इससे हैरान हैं। आंबेडकर अस्पताल के कैंसर विभाग में कुल मरीजों में ऐसे बीमारों की संख्या 7 से 8 फीसदी है। ये किशोर दिन में 10 से 12 बार गुड़ाखू कर रहे हैं। ये आदत उन्हें बचपन से लगी है। 16-17 की उम्र तक वे कैंसर का शिकार हो रहे हैं। डॉक्टरों के अनुसार, बच्चों में गुड़ाखू की लत छुड़ाने के लिए माता-पिता को भी ये आदत छोड़नी होगी।

प्रदेश में कैंसर की स्थिति

मरीजों की संख्या 75 से 80 हजार
हर साल 21 से 22 हजार नए मरीज

World Cancer Day 2025: डीन नेहरू मेडिकल कॉलेज व सीनियर कैंसर विशेषज्ञ, डॉ. विवेक चौधरी: 100 कैंसर के मरीजों में 60 मरीजों की मौत हो जाती है, क्योंकि वे समय पर इलाज कराने के नहीं पहुंच रहे हैं। सेकंड व थर्ड स्टेज में आने से बीमारी गंभीर रूप ले चुकी होती है। अस्पताल में मरीजों के लिए एडवांस ट्रीटमेंट मौजूद है। शरीर में कहीं भी गांठ या मुंह खोलने में समस्या हो तो तत्काल अस्पताल जाकर विशेषज्ञ डॉक्टर को दिखाएं।
संजीवनी कैंसर अस्पताल, डायरेक्टर, डॉ. युसूफ मेमन : प्रदेश ही नहीं, देश में कैंसर होने का बड़ा कारण तंबाकूयुक्त गुड़ाखू, बीड़ी व सिगरेट है। दुर्भाग्य से प्रदेश के कई इलाकों, खासकर गांवों में बचपन से ये लत लग जाती है। इससे कैंसर के मरीज बढ़ रहे हैं। अनहाइजिन के कारण सर्वाइकल कैंसर भी प्रमुख रूप से ग्रामीण महिलाओं में देखा जा रहा है। समय पर इलाज कराने से कैंसर को हराया जा सकता है।

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