राशन कार्ड मैनेजमेंट सिस्टम की जांच में सामने आया कि अकेले ब्यावरा ब्लॉक के 109 ग्राम पंचायतों में तकरीबन 6250 मृतक लाभार्थियों के नाम राशन कार्ड में दर्ज थे। छानबीन के दौरान ये लोग जिंदा नहीं मिले।
20 मई को अंजनीधाम मंदिर में होगी बैठक
ब्यावरा एसडीएम कार्यालय और तहसील में दिनभर ई-केवायसी का काम चला। जिसमें ब्लॉक की सभी 125 राशन दुकानों के सेल्समैन और 109 ग्राम पंचायतों के सचिव व ग्राम रोजगार सहायक एक साथ बैठकर नामों का मिलान कर मृत और स्थाई तौर पर पलायन कर गए व्यक्तियों के नाम हटाने की कार्रवाई की जा रही। सभी दुकानों के रेकार्ड की जांच होगी। वास्तविक आबादी के अनुपात से कहीं ज्यादा लोगों का राशन बांटे जाने की शिकायत पर पूरे प्रदेश में सरकार ने सभी राशन कार्ड धारकों और उनके परिवार के सदस्यों की ई- केवाईसी अनिवार्य कर दी है। पहले इसकी अंतिम तारीख 31 मार्च थी, लेकिन अब इसे 31 मई तक बढ़ा दिया गया है। ई- केवाईसी के दौरान ही यह बड़ा खुलासा हुआ कि हजारों मृतकों के नाम आज भी लाभार्थी सूची में बने हुए हैं।
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अब तक 85 फीसदी ई-केवाईसी का काम
जिले में कुल 12 लाख 66 हजार 997 हितग्राही है जिनकी ई- केवाईसी होना है। पूरे जिले में 6 ब्लॉक और 14 नगरीय निकाय क्षेत्रों में 31 मई तक ई- केवाईसी का काम पूरा करने का लक्ष्य दिया है।
इसमें ग्रामीण क्षेत्रों में 10.75 लाख में से महज 9.12 लाख हितग्राहियों केवाईसी हो चुकी है। उधर शहरी क्षेत्रों में 1.92 लाख लोगों की ई- केवाईसी होना है जिसमें से अभी तक 1.70 लाख लोगों की केवाईसी हो गई है। इस तरह जिले में केवाईसी का काम अभी तक करीब 95 फीसदी पूरा हो गया है।
मुफ्त राशन योजना में चल रहा था खेल
कोविड-19 के बाद से केंद्र और राज्य सरकार की ओर से गरीबों के लिए फ्री राशन योजना चलाई जा रही है। इस योजना में पात्र कार्डधारकों को प्रति व्यक्ति प्रति माह निशुल्क अनाज उपलब्ध कराया जा रहा है। लेकिन इस योजना में कई अपात्र और मृत व्यक्ति भी लाभ ले रहे थे। जिससे सरकार को नुकसान हो रहा था। पूरे ब्यावरा ब्लॉक की सभी 125 राशन दुकानों पर प्रत्येक पर औसतन 50- 50 ऐसे नाम भी पकड़ाए हैं जिनकी कई साल पहले मौत हो चुकी है लेकिन वे कागजों में सरकारी राशन ले रहे थे। ई- केवाईसी के दौरान अभी तक ऐसे 6250 फर्जी हितग्राही पकड़ाए हैं जिनके नाम काटने की कार्रवाई चल रही है। – गीतांजलि शर्मा, एसडीएम ब्यावरा