ज्ञापन में पटवारियों ने बताया कि जिस काम के लिए जिम्मेदार नहीं, हमसें वह काम भी कराया जा रहा है। इसके बाद कार्रवाई की जाती है। फार्मर आईडी,, ई-केवायसी, किसान से संबंधित कार्य आदि सीएससी सेंटर, सर्वेयर, एमपी ऑनलाइन आदि के माध्यम से किए जा सकते है। लेकिन इसके लिए पटवारियों को जिम्मेदारी दी गई।
बोर्ड परीक्षाओं में लगा दी ड्यूटी
राजस्व अभियान के दौरान अधिकांश पटवारियों ने 80-90 फीसदी कार्य पूरा किया। लेकिन शासन के पोर्टल की विसंगती के कारण ई-केवायसी का कार्य आधा रह गया। इसके लिए पटवारियों को जिम्मेदार ठहराते हुए कार्रवाई की जा रही है। साथ ही गिरदावरी कार्य के लिए पिछली खरीफ फसल के सर्वे का भुगतान सर्वेयर का नहीं हुआ है। जिससे सर्वेयरों ने काम बंद कर दिया है। ऐसे में अब रबी सीजन में दिक्कत आ रही है। बोर्ड परीक्षाओं में पटवारियों की ड्यूटी कलेक्टर के प्रतिनिधि के तौर पर लगाई गई है। ऐसे में हमारे नियमित कार्य प्रभावित हो रहे है।
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वर्तमान में एक पटवारी नामांगतरण, बंटवारा, सीमांकन, स्वामित्व योजना, ई-केवायसी, फार्मर आईडी, अतिक्रमण रिपोर्ट, वसूली, भौतिक सत्यापन, जाति प्रमाण-पत्र, जन्म प्रमाण-पत्र, नक्शा तरमीम, न्यायलय में प्रचलित प्रकरण, गिरदावरी, पीएम किसान समान निधि, आवास योजना का भौतिक सत्यापन, डायवर्सन आदि कार्य कर रहा है। ऐसे में काम का बोझ इतना बढ़ गया है, फिर भी अतिरिक्त काम दिया जा रहा है।
इसके बाद भी पटवारियों पर वरिष्ठ अधिकारी काम में लापरवाही बरतने का कहकर कार्रवाई करते है। पटवारी संघ ने ज्ञापन में हाल में जिले के पटवारियों पर की गई कार्रवाई वापस लेने की मांग की है। साथ ही गुरुवार से काम बंद कर दो दिवसीय अवकाश पर जाने की चेतावनी दी है।