लोगों को सरकार से भीख मांगने की आदत पड़ गई…
मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा था कि अब तो लोगों को सरकार से भीख मांगने की आदत पड़ गई है। नेता आते हैं, एक टोकना (टोकरी) तो कागज मिलते हैं उनको। मंच पर माला पहनाएंगे और एक पत्र पकड़ा देंगे। यह अच्छी आदत नहीं है। लेने की बजाय देने का मानस बनाएं। मैं दावे से कहता हूं आप सुखी होंगे। और एक संस्कारवान समाज को खड़ा करेंगे।
‘नर्मदा का परिक्रमा वासी हूं’
मंत्री ने बताया कि ऐसे किसी शहीद का नाम जानते हैं, जिसने किसी से भीख मांगी हो। मुझे नाम बताना, उसके बावजूद भी हम आते हैं और अपने कार्यक्रम करके चले जाते हैं। मैं एक ही भिक्षा मांगकर अपनी बात खत्म करता हूं कि नर्मदा का परिक्रमा वासी हूं, तो भिक्षा तो मांगता हूं। खुद के लिए कभी नहीं मांगता। काेई नहीं कह सकता कि मैंने प्रहलाद पटेल को यह दिया है।
जीतू पटवारी ने ली चुटकी
पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि प्रदेशवासियों, मैं बड़ी विनम्रता से दोहराना चाहता हूं, अहंकार के इस चरम स्तर के लिए भाजपा को बड़ी और भारी संख्या में मिला, जनता का एकतरफा वोट भी है। नहीं तो, मप्र क्या पूरे देश में भाजपा के एक भी विधायक, सांसद, मंत्री, मुख्यमंत्री यहां तक की प्रधानमंत्री की भी, इतनी हैसियत नहीं है कि जनता को “भिखारी” कह दे।
लाड़ली बहनों के लिए 3 हजार मांगना…भीख
कर्ज लेने से रोकना, कमीशन का विरोध करना, करप्शन के खिलाफ बोलना, अपने हक की लिखित मांग करना, किसान अधिकार की आवाज उठाना, लाड़ली बहनों के लिए 3000 मांगना, संकल्प-पत्र” पूरा करने की याद दिलाना। अधिकार की ऐसी आवाज को भाजपा मध्यप्रदेश यदि भीख कहती है, तो जनता को सोचना होगा कि वोट की भीख मांगने वाले, उसे सरेआम भिखारी कहने की हिम्मत कैसे कर रहे हैं?
मैं फिलहाल जनता की तरफ से, इतना ही कह सकता हूं कि, भाजपा का, भाग्य लिखने वाली। जनता भिखारी नहीं है।