इसके बाद से इस क्षेत्र में
नक्सली लगभग खात्म हो चुके हैं। एक समय नक्सल खौफ से विकास व शिक्षा के लिए तरह रहे मानपुर क्षेत्र में अब विकास भी हो रहा है और शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर परिणाम भी आ रहे हैं। 2009 की खौफनाक घटना के बाद शासन-प्रशासन ने गंभीरता दिखाई और क्षेत्र में आईटीबीपी व सुरक्षा बल के 27वीं बटालियन के अलावा बेसकैंप, थाना व चौकी खोलकर फोर्स की तैनाती की गई। जगह-जगह कैंप व थाना खोले जाने व फोर्स की तैनाती के बाद नक्सली बैकफुट पर आते गए।
कोरकोट्टी घटना के बाद पुलिस व केन्द्रीय सुरक्षा बल क्षेत्र में सक्रिय हुए और नक्सलियों के खिलाफ लगातार अभियान चलाया गया। 13 साल में सुरक्षा बलों ने 33 नक्सलियों को मार गिराया है। वहीं 42 नक्सलियों ने सुरक्षा बलों की खौफ में आत्म समर्पण किया है। सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ में खूंखार नक्सली डिविजन मेंमर अशोक, डिविजन मेंबर सुखदेव, डिविजन मेंमबर जमुना सहित अन्य को मार गिराया है। टॉप कमांडरों के मरने के बाद नक्सली बैकफुट पर आ गए।
आज दी जाएगी शहीदों को श्रद्धाजंलि हर साल पुलिस महकमा द्वारा 12 जुलाई को शहीदों की याद में श्रद्धाजंलि सभा का आयोजन किया जाता है। आज स्थानीय पुलिस लाइन में शहीद के परिवार के सदस्यों से मुलाकात कर पुलिस महकमा उनका समान करेगी। वहीं जवानों द्वारा रक्तदान समेत अन्य आयोजन किए जाएंगे। स्थानीय ठाकुर प्यारेलाल चौक में स्थित शहीद स्व. चौबे की प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित किए जाएंगे।
घोर बीहड़ एरिया में बिछा सड़कों का जाल कोरकोट्टी वारदात के बाद बेस कैंप व केन्द्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती होने से क्षेत्र में तेजी से विकास हो रहा है। क्षेत्र के घोर बीहड़ क्षेत्र सहपाल से कलवर, मदनवाड़ा, हुरले, हुरेली और मुंजाल में चमाचम सड़के बन गई है। वहीं औंधी क्षेत्र में बुकमरका से संबलपुर तक भी सड़क निर्माण होने से बीहड़ क्षेत्रों में आवाजाही सुगम हो गई है। इसके अलावा जंगल एरिया के गांवों में संचार के साधन हो गए है।
2009 की घटना के बाद क्षेत्र में नक्सलियों का लगभग सफाया हो गया है। 15 साल में हार्डकोर 33 नक्सलियों को मार गिराया गया है। 47 नक्सली लाल आतंक का रास्ता छोड़ मुयधारा में लौट आए है। जिले के बीहड़ क्षेत्र अब सड़क व संचार साधन से लैंस हो गए हैं और तेजी से विकास हो रहा है।
वायपी सिंह, एसपी मोहला-मानपुर