CG News: प्राइवेट कंपनी को इतनी छूट कैसे
CG News: जिनकी निगरानी में भर्ती की प्रक्रिया पूरी हो रही थी, उन पर कोई कार्रवाई नहीं, इसलिए जांच पर भी आंच प्राइवेट कंपनी को इतनी छूट थी कि तकनीकी रूप से गड़बड़ी कर अभ्यर्थियों को फायदा पहुंचाया जा रहा था
खबर है कि भर्ती के नाम पर बड़े पैमाने पर लेनदेन हुआ है। पुलिस ने प्रारंभिक जांच के बाद कर्मचारी स्तर पर कार्रवाई का डंडा चलाया है पर उन तक कानून के लंबे हाथ नहीं पहुंचे हैं जो कि इस पूरे प्रक्रिया निगरानी कर रहे थे या फिर गड़बड़ी रोकना उनकी जिम्मेदारी थी। लालबाग
पुलिस का कहना है कि अभी जांच जारी है और आगे भी कार्रवाई होगी।
चैटिंग में होगा खुलासा
एफआईआर के बाद पुलिस की टीम ने संदेह के आधार पर भर्ती की प्रक्रिया में ड्यूटी कर रहे आरक्षक स्तर के कर्मचारियों के मोबाइल डेटा, कॉल डिटेल, बैंक खाता,
सीसीटीवी फुटेज की जांच करने के बाद गिरफ्तारी की है। खबर है कि वाट्सऐप चैटिंग में विभाग के कुछ बड़े अफसरों के नाम का भी जिक्र है पर जांच टीम इसका खुलासा करने से कतरा रही है।
इसलिए मामला गंभीर हो गया
जांच में यह तथ्य भी सामने आया है कि हैदराबाद की प्राइवेट कंपनी के कर्मचारी भी धांधली में शामिल थे जो कि तकनीकी रूप से डेटा में छेड़छाड़ करने में एक्सपर्ट हैं। इससे यह भी साफ हो रहा है कि गड़बड़ी बड़े अफसरों के संरक्षण में की जा रही थी पर हड़बड़ी में गड़बड़ी होने से पूरा राज खुल गया। इधर पुलिस की जांच के बीच आरक्षक अनिल रत्नाकर की खुदकुशी ने इस पूरे मामले को और ज्यादा संगीन बना दिया। आरक्षक की ओर हथेली में लिखे गए शब्द पुलिस विभाग के अफसरों के लिए मुसीबत बन गए हैं। वहीं मृतक ने सुसाइड करने से पहले अपने भाई को आखिरी बार कॉल कर भर्ती प्रक्रिया में कर्मचारियों को फंसाए जाने की बात बताकर स्पष्ट कर दिया था कि अफसर अपने बचाव के लिए कर्मचारियों को फंसाने के लिए दबाव बना रहे हैं।
इसलिए आरक्षक को खुदकुशी के लिए मजबूर होना पड़ गया। परिजनों की ओर से मामले में अफसरों की भूमिका पर सवाल उठाए गए हैं। कांग्रेस भी मामले को प्रदेश स्तर पर उठाने की तैयारी कर रही है।
जांच में खानापूर्ति
कांग्रेस के ग्रामीण जिला अध्यक्ष भागवत साहू का कहना है कि कांग्रेस की ओर से इस मुद्दे को लेकर प्रदर्शन किया जाएगा। खुदकुशी करने वाले आरक्षक ने हथेली पर जो शब्द लिखे हैं, इससे स्पष्ट हो रहा है कि भर्ती की पूरी प्रक्रिया में बड़ी गड़बड़ी की जा रही थी और मामला सामने आने के बाद कर्मचारियों को बलि का बकरा बनाकर फंसा रहे हैं। गंभीरता से जांच होनी चाहिए।