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Pandit Pradeep Mishra: राजनांदगाव में आज से शिवमहापुराण कथा, कलश यात्रा में लगी भक्तों की भीड़ उन्होंने आगे बताया कि जीवन में ग्रंथ, संत या फिर भगवंत को जिसने पकड़ लिया वह कभी असफल नहीं हो सकता। यदि आप पढ़े लिखे नहीं हो तो संत को पकड़ो और उसे भी नहीं पकड़ सकते तो भगवंत को पकड़ लो।
भगवान को खोजने के लिए कहीं जाने की जरूरत नहीं। भगवान हमारे आसपास एक ऐसे व्यक्ति को भेजता है, जो भगवंत की तरह होता है, वह हमें सही राह दिखाता है। किसी भी समस्या या विपरीत परिस्थति होने पर दिमाग से निगेटिविटी को दूर करने का काम करता है। सच और भगवान पर विश्वास रखकर मंदिर जाने और शिवलिंग पर एक लोटा जल चढ़ाकर अपनी समस्या व परेशानी को भी भगवान भोलेनाथ पर छोड़ने की सीख देता है। इस तरह ही वे हम बचाता है।
बाहरी फैशन और भोजन घातक
पंडित मिश्रा ने बताया कि
छत्तीसगढ़ वासियों ने एक काम बहुत बढ़िया किया है कि उन्होंने बाहरी फैशन और भोजन को खुद पर हावी नहीं होने दिया। यहां के संस्कार ही ऐसे हैं। बाहरी फैशन (सभ्यता) और भोजन के अपनाने से ही जीवन में परेशानियां बढ़ती है। आज जो तेजी से बीमारियां फैल रही है, उसका कारण भी गलत खानपान ही है। जिस तरह एक सैनिक बार्डर पर हमारी रक्षा करता है। उसी प्रकार बाहरी फैशन से अपने बच्चों को संस्कार से बचाया जा सकता है, इसलिए उन्हें संस्कारवान बनाओ।
शिव ही जीवन का परम सुख है
उन्होंने कहा कि किसी को विश्वास दिलाना सबसे बड़ा पुण्य है। किसी का विश्वास तोड़ना सबसे बड़ा पाप है। जब किसी पर दुख-तकलीफ या बीमारी आती है, तो उसे दवा से ज्यादा आत्मविश्वास की जरूरत होती है। उसका आत्मविश्वास ही उसे उस परेशानी और रोग से लड़ने में मदद करता है। यह विश्वास शिवलिंग पर जल चढ़ाने और देवाधिदेव महादेव की भक्ति से आती है। शिव ही जीवन का परम सुख है। भोलेनाथ दयालु हैं, आपको सभी दुख तकलीफ से छुटकारा दिला देगा। कथ श्रवण करने के लिए बुधवार को दुर्ग विधायक, सहित अन्य भाजपा नेता पहुंचे थे।
शिक्षा और स्वास्थ्य की सुविधा सबको मिले
उन्होेंने शासन और प्रशासन के उच्च पदों पर बैठे नेता व अधिकारियों से कहा कि भले ही आप सड़कें अच्छी मत बनाओ लेकिन शिक्षा और स्वास्थ्य की सुविधा ऐसी हो कि गांव का गरीब से गरीब अंतिम व्यक्ति तक यह पहुंचे। आने वाली पीढ़ी को उच्च शिक्षा दिलाना सबका उद्देश्य होना चाहिए। उन्होंने मौजूद लोगों से कहा कि आप भले ही कम पढ़े-लिखे हो, लेकिन अपने संतानों को खूब पढ़ाने का यहां व्यास पीठ से संकल्प लेकर जाओ।