यह अनुदान के लिए शर्ते
- कृषक के पास एक जोड़ी बैल होने चाहिए, जिनका उपयोग वह कृषि कार्य में करता हो।
- कृषक लघु/सीमांत हो इसका प्रमाण पत्र तहसीलदार से प्रमाणित और भूमि का विवरण होना चाहिए।
- बैलों का पशु बीमा और स्वास्थ्य प्रमाण पत्र अपलोड करना होगा, 15 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए
- बैलों की जोड़़ी की कृषक के साथ फोटो पोर्टल पर अपलोड करनी होगी
योजना के तहत होना यह चाहिए
कृषि विभाग को पशुपालन विभाग की मंगला पशु बीमा योजना की तर्ज पर बैलों का बीमा करवाना चाहिए। पशुपालन विभाग ने पशुओं के बीमे की जिम्मेदारी एसआईपीएफ एजेंसी को सौंपी है। उसी के माध्यम से पशुओं को बीमा किया गया है। इसी प्रकार कृषि विभाग को भी पशुओं का बीमा करने वाली एजेंसी से मिलकर बैलों के बीमा कराया जाना चाहिए। इससे काश्तकारों को भी राहत मिलेगी।
उच्चाधिकारियों से मांग रहे मार्गदर्शन
सरकार की ओर से बैलों से खेती को प्रोत्साहन देने के लिए योजना में 30 हजार रुपए प्रतिवर्ष दिए जाएंगे। इसमें बैलों का बीमा कराने में परेशानी की बात सामने आई है। एजेंसी सिर्फ दुधारू पशुओं का बीमा कर रही है। उक्त समस्या के समाधान के लिए उच्चाधिकारियों से मार्गदर्शन मांगा जा रहा है। - भूपेन्द्र सिंह, संयुक्त निदेशक कृषि विभाग विस्तार राजसमंद
पशुओं के स्वास्थ्य प्रमाण पत्र देने का काम
बैलों से खेती को प्रोत्साहन देने की योजना में पशुपालन विभाग का काम बैलों के स्वास्थ्य प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने का है। बैलों का बीमा कृषि विभाग को करवाना है। किसान कोई बैल लेकर आएगा तो जांच के बाद बैलों का स्वास्थ्य प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने की पूरी तैयारी है।