‘योग मानसिक और वैचारिक शुद्धि का माध्यम है’
नकवी ने कहा कि आज पूरी दुनिया इस तंदुरुस्ती के त्यौहार को पूरे संकल्प, जुनून और जज्बे के साथ मना रही है। चाहे कोई किसी भी जाति, धर्म, क्षेत्र या देश से हो, योग सभी के लिए है। यह सीमाओं के पार मानवता का त्योहार बन चुका है। योग दिवस को लेकर जारी सियासत पर नकवी ने कहा कि कुछ लोग इस स्वास्थ्य उत्सव पर भी सियासी संक्रमण फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे मानसिक रूप से संक्रमित लोगों के इलाज के लिए भी योग ही सबसे बड़ा उपाय है। योग मानसिक और वैचारिक शुद्धि का माध्यम है और यही उन्हें मानसिक संतुलन प्रदान कर सकता है।
‘जो योग से दूरी बनाएंगे, वे मानसिक संकुचन में फंस जाएंगे’
उन्होंने कहा कि वह स्वयं भी 21 जून को रामपुर के रोशन बाग के सिविल लाइंस में आयोजित योग शिविर में भाग लेंगे। उन्होंने समाज के सभी वर्गों से योग दिवस पर सक्रिय भागीदारी की अपील करते हुए कहा कि योग न किसी धर्म का है, न ही किसी पार्टी का, यह तो सम्पूर्ण मानवता के स्वास्थ्य का खजाना है। इसे साम्प्रदायिक रंग देना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा कि जो लोग योग को नहीं अपनाना चाहते, वे अपनी सोच के कारण मानसिक संकुचन में फंसे रहेंगे, लेकिन समाज को चाहिए कि वह योग रूपी इस ‘गोल्डन की’ को अपनाएं और स्वस्थ जीवन की दिशा में आगे बढ़े।