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Relationship Problems: WhatsApp, इंस्टाग्राम… से रिश्ते हो रहे ‘खत्म’, एक्सपर्ट ने बताया ना करें ऐसी गलतियां

Relationship Problems: डिजिटल युग में सोशल मीडिया अब केवल मनोरंजन का माध्यम नहीं, बल्कि रिश्तों और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाला प्लेटफॉर्म बन गया है। इंस्टाग्राम स्टोरी और व्हाट्सएप स्टेटस जैसे मामूली मुद्दे अब रिश्तों में दरार और तनाव का कारण बनते जा रहे हैं।

भारतJun 17, 2025 / 05:12 pm

MEGHA ROY

Digital communication and relationship stress

Digital communication and relationship stress
फोटो सोर्स – Freepik

Relationship Problems: आजकल की तेज-तर्रार डिजिटल दुनिया में सोशल मीडिया न केवल मनोरंजन का साधन रह गया है, बल्कि यह रिश्तों और मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डालने वाला माध्यम भी बन चुका है।इंस्टाग्राम स्टोरी, व्हाट्सएप स्टेटस और फेसबुक पोस्ट के माध्यम से शुरू होने वाले छोटे-मोटे मतभेद अब रिश्तों की नींव तक को हिला रहे हैं और मानसिक तनाव का बड़ा कारण बनते जा रहे हैं।अब सिर्फ स्टेटस नहीं, बल्कि रिश्तों की स्थिरता भी सोशल मीडिया के झगड़ों से डगमगा रही है।आइए जानते हैं एक्सपर्ट्स इस विषय में क्या कहते हैं।

सोशल मीडिया मनोरंजन नहीं तनाव और टकराव का मैदान

सोशल मीडिया अब मनोरंजन बल्कि तनाव और टकराव का मैदान बनता जा रहा है। अब यह केवल फोटो या विचार साइस करने का मंच नहीं रहा, बल्कि एक ऐसा माध्यम बन गया है जहां निजी भावनाएं सार्वजनिक रूप से सामने लाई जा रही हैं।

सोशल मीडिया,अस्थायी राहत या स्थायी मुसीबत

मनोरोग विशेषज्ञों का मानना है कि अपनी निजी भावनाओं को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर व्यक्त करना कभी-कभी अस्थायी राहत तो देता है, लेकिन यह तनाव, अवसाद और सामाजिक दूरियों का कारण बन सकता है। लगातार निगेटिव या आक्रामक पोस्ट देखने से मानसिक आघात भी होता है। युवाओं को इस बात को लेकर विशेष सतर्क रहने की जरूरत है।

रिश्तों में बढ़ती दूरियां और तनाव

डॉ. संजय जैन, मनोरोग विशेषज्ञ बताते हैं कि सोशल साइट्स पर भावनाओं को बिना सोचे-समझे साझा करना मानसिक असंतुलन का संकेत है। कई लोग इससे अवसाद में चले जाते हैं, क्योंकि सार्वजनिक मंच पर अपमान या हमला, निजी बातचीत से कहीं अधिक गहरा असर छोड़ता है। इससे रिश्ते टूटते हैं और मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ता है।

सोशल मीडिया अब ट्रोलिंग का प्रमुख माध्यम बनता जा रहा

ट्रोलिंग, बदनाम करने या फेक प्रोफाइल बनाकर अश्लील सामग्री पोस्ट करने जैसे आरोप सामने आए है। कई बार ये विवाद इंस्टाग्राम स्टोरी या फेसबुक कमेट से शुरू होकर थाने और कोर्ट तक जा पहुंचे हैं।
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3 से 7 साल तक हो सकती है सजा ( कानूनी पहलू)

साइबर विशेषज्ञ निशीथ दीक्षित के अनुसार, फेक प्रोफाइल बनाना, ट्रोलिंग करना, अश्लील सामग्री पोस्ट करना या किसी की छवि खराब करना , ये सभी आईटी एक्ट और अन्य कानूनी धाराओं के तहत गंभीर अपराध हैं।इन अपराधों के लिए 3 से 7 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है। उन्होंने यह भी बताया कि डिजिटल प्लेटफॉर्म पर की गई हर गतिविधि रिकॉर्ड होती है, जिसे ट्रेस करना पूरी तरह संभव है।अपराधी अक्सर यह सोचते हैं कि वे पकड़े नहीं जाएंगे, लेकिन आज की तकनीक की मदद से उन्हें आसानी से पहचाना और पकड़ा जा सकता है।

सावधानियां और सुझाव

-गुस्से या भावनात्मक तनाव में पोस्ट न करें।
-किसी की फोटो या निजी जानकारी बिना अनुमति साझा न करें।
-फेक अकाउंट दिखे तो तुरंत रिपोर्ट करें, स्क्रीनशॉट संभालें।
-सार्वजनिक मंच पर बहस या टकराव से बचें।
-साइबर थाने में समय पर शिकायत जरूर करें।
-साइबर बुलिंग से निपटने के लिए सहायता
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।

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