बिना आवश्यकता के नहीं किया जाए परिसीमन
शुक्ला ने बताया कि जनपद व तहसील की सीमाओं का परिसीमन किया जाना है लेकिन यदि परिसीमन की आवश्यकता नहीं है तो परिसीमन नहीं किया जाएगा। परिसीमन को और अधिक जनोन्मुखी बनाया जाएगा ताकि इसके आधार पर जन अपेक्षा के आधार पर ज्यादा से ज्यादा जनता को सुविधा दिलाई जा सके। नवीन प्रशासनिक इकाई के लिए मार्गदर्शन सिद्धांत बनाए गए हैं। वर्तमान में ऐसे कई तहसील एवं ब्लॉक, ग्राम पंचायत हैं, जो जिला मुख्यालय से दूर हैं, लेकिन दूसरे अन्य जिले के समीप हैं, ऐसे प्रशासनिक इकाइयों में परिवर्तन करने की आवश्यकता है।
संभागायुक्त व कलेक्टर के क्षेत्र बताए
अध्यक्ष शुक्ला ने कहा कि यदि किसी स्थान को हम मुख्यालय बनाना चाहते हैं, तो जनसंख्या, औद्योगिक क्षेत्र व भौगोलिक दूरी उसकी अन्य क्षेत्र से न हो, इसका अनिवार्य रूप से ध्यान रखा जाएगा। इसके साथ ही प्रस्तावित इकाइयों को सुविधा की दृष्टि से पुनर्गठन करने या गठन हटाने के संबंध में भी आवश्यक सुझाव आमंत्रित किए जाएंगे। यदि किसी जिले की सीमा की तहसील या ग्राम को किसी दूसरे जिले की सीमा में मिलना चाहते हैं, तो उसके लिए संभाग कमिश्नर सुझाव देंगे और यदि जिले के अंदर तहसील में कोई परिवर्तन करना चाहते हैं, तो इसका सुझाव कलेक्टर देंगे।