अंतिम गणना में 1585 पहुंची गिद्धों की संख्या, इसमें सबसे ज्यादा चट्टानों पर पाए जाने वाले देशी गिद्ध
3 दिन चली शीतकालीन गिद्ध गणना के बाद स्पष्ट हुई स्थिति, सबसे ज्यादा संख्या चट्टानों पर बसेरा बनाने वाले देशी गिद्धों की हैं।
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पृथ्वी के सबसे बड़े सफाइकर्मी कहे जाने वाले गिद्धों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व, जिले के उत्तर व दक्षिण वन मंडल व दमोह वन मंडल में 3 दिन चली शीतकालीन गिद्ध गणना बुधवार को पूरी हो गई है। गणना में अमले को कुल 1585 गिद्ध नजर आए हैं, जिसमें सबसे ज्यादा संख्या चट्टानों पर बसेरा बनाने वाले देशी गिद्धों की हैं।
टाइगर रिजर्व उपसंचालक कार्यालय के अनुसार सोमवार सुबह से गिद्ध गणना शुरू की गई थी और हर रोज गिद्धों की संख्या बढ़ी है। पहले दिन टाइगर रिजर्व व तीनों वन मंडलों में कुल 1119 गिद्ध नजर आए थे। दूसरे दिन मंगलवार को इनकी संख्या बढ़कर 1338 पर पहुंच गई और आखिरी दिन फाइनल आंकड़ों में गिद्धों की संख्या 1582 दर्ज की गई है।
टाइगर रिजर्व के अलावा जिले के उत्तर व दक्षिण वन मंडल व दमोह मंडल में पिछले साल हुई गणना में गिद्धों की कुल संख्या 1266 थी, जो इस बार बढ़कर 1582 पर पहुंच गई है। यानी चारों स्थानों पर पिछले बार की तुलना में 319 गिद्ध बढ़े हैं। वहीं सबसे ज्यादा 936 गिद्ध टाइगर रिजर्व में नजर आए हैं, जो पिछली बार से 344 ज्यादा हैं। इसमें सबसे ज्यादा 349 गिद्ध डोंगरगांव गिद्ध कोंच में पाए गए हैं।
वन मंडलों में गिद्धों की स्थिति
टाइगर रिजर्व – 936
उत्तर वन मंडल – 377
दक्षिण वन मंडल – 90
दमोह वन मंडल – 182
अब अप्रेल में होगी गणना
इस गणना में स्थानीय-प्रवासी दोनों गिद्ध शामिल हैं। गर्मी शुरू होते ही प्रवासी गिद्ध वापस लौट जाएंगे। इसके बाद स्थानीय गिद्धों की स्थिति जानने के लिए अप्रेल में ग्रीष्मकालीन गिद्ध गणना की जाएगी।
डॉ. एए अंसारी, उप संचालक, टाइगर रिजर्व
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