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उठो गोरी मगरे पे बोल रहो कौआ, लगत तोरे मयके से आ गए लोऊआ…

सागर. शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय में भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ के अंतर्गत संभाग स्तरीय लोकगीत एवं पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। संभाग स्तरीय लोकगीत प्रतियोगिता में पन्ना, छतरपुर, दमोह, टीकमगढ़ एवं सागर जिले की टीमों ने प्रतिभागिता की।

सागरJan 05, 2025 / 08:12 pm

रेशु जैन

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शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय में हुआ लोकगीत प्रतियोगिता का आयोजन

सागर. शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय में भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ के अंतर्गत संभाग स्तरीय लोकगीत एवं पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। संभाग स्तरीय लोकगीत प्रतियोगिता में पन्ना, छतरपुर, दमोह, टीकमगढ़ एवं सागर जिले की टीमों ने प्रतिभागिता की। संभाग स्तरीय लोक गीत प्रतियोगिता में एक्सीलेंस गल्र्स की छात्रा अंशिता श्रीवास्तव, निकिता दीक्षित, डॉली काछी, शोभवी सिंह राजपूत, पलक अग्रवाल, शैलीराज अहिरवार ने प्रथन स्थान प्राप्त किया। उन्होंने गाये गीत उठो गोरी मगरे पे बोल रहो कौआ, लगत तोरे मयके से आ गए लोऊआ ने सभागार में समां बांध दिया। द्वितीय स्थान पर शासकीय कन्या पीजी महाविद्यालय छतरपुर की छात्रा मोहनी पाठक के गीत सबहीं धरो रह जाने जो तन माटी में मिल जाने ने भी खूब तालियां बटोरी। तृतीय स्थान महाविद्यालय हटा की छात्रा दीक्षा काछी के लोक गीत जैसो भारत देश महान, दूजो देश जगत में नहिए को सराहना मिली। विशिष्ट अतिथि एवं निर्णायक वरिष्ठ लोकगीत गायक शिवरतन यादव ने कहा लोकगीत व्यक्तिगत लिखे तो जाते हैं, लेकिन लोक की मान्यता मिलने पर उन पर व्यक्ति का अधिकार नहीं रहता। लोकगीत में महिलाओं का योगदान पुरुषों से ज्यादा है। डॉ. गजाधर सागर वरिष्ठ लोक गीत गायक ने विद्यार्थियों को गायन के टिप्स दिए। संचालन डॉ. अमर जैन किया। कार्यक्रम डॉ. गोपा जैन के मार्गदर्शन में हुआ। डॉ. संगीता मुखर्जी ने आभार माना।

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