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सुनो सुनो सुनो, गांव में ही मिलेगा रोजगार… पलायन से बिखर जाएगा परिवार

टीकमगढ़/जतारा. बुंदेलखंड में पलायन बड़ी समस्या है । नियमित और अच्छी मजदूरी के चक्कर में प्रति वर्ष रबी फसल कटने के बाद हजारों की संख्या में मजदूर पलायन करते हैं। आलम यह है कि कुछ गांव पूरी तरह से खाली हो जाते हैं। इसका सीधा असर मजदूरों के बच्चों के भविष्य पर पड़ रहा है। […]

सागरApr 14, 2025 / 07:32 pm

प्रवेंद्र तोमर

  • पालयन रोकने पहली बार उन गांवों में कराई मुनादी जिनमें 90 तक लोग फसल कटने के बाद जाते हैं बाहर
  • टीकमगढ़, पालेरा, जतारा और बल्देवगढ़ के 76 गांव किए हैं चिन्हित, इनमें मुनादी करा रोजगार देने का दावा
टीकमगढ़/जतारा. बुंदेलखंड में पलायन बड़ी समस्या है । नियमित और अच्छी मजदूरी के चक्कर में प्रति वर्ष रबी फसल कटने के बाद हजारों की संख्या में मजदूर पलायन करते हैं। आलम यह है कि कुछ गांव पूरी तरह से खाली हो जाते हैं। इसका सीधा असर मजदूरों के बच्चों के भविष्य पर पड़ रहा है। अब इस समस्या को रोकने के लिए प्रशासन द्वारा जिले में पलायन पर वार, गांव में रोजगार अभियान चलाया जा रहा है। इसके लिए अब पलायन करने वाले चिन्हित 76 गांव में मुनादी कराकर लोगों को गांव में ही काम करने की अपील की जा रही है।
वैसे तो गांव में किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम, सर्वे आदि के लिए मुनादी कराया जाना आम बात है, लेकिन इन दिनों गांव में हो रही मुनादी कुछ खास है। जब प्रशासन लोगों को गांव में ही रोजगार उपलब्ध कराने के लिए मुनादी करा रहा है। जिले में पलायन की समस्या को देखते हुए कलेक्टर विवेक श्रोत्रिय ने जहां सबसे अधिक पलायन करने वाले गांव का खुद भ्रमण किया तो बाद में इन गांवों के सरपंच और सचिवों के साथ बैठक योजना तैयार की। इन गांवों में पर्याप्त काम खुलवाने के बाद अब मजदूरों को बाहर न जाने की अपील की जा रही है। सोमवार को जतारा जनपद की ग्राम पंचायत बैरवार, पहाड़ी बुजुर्ग सहित अन्य गांवों में मुनादी कराई गई।
दे रहे योजनाओं की जानकारी
जिले में सबसे अधिक पायलन करने वाले 76 गांवों को प्रशासन ने चिन्हित किया है। इन गांवों में सरपंच, सचिव और रोजगार सहायक ढोल के साथ गांव का भ्रमण कर मुनादी कर रहे है। इसमें पंचायत में ही 90 दिन का नियमित काम, 261 रुपए मजदूरी के साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना, खाद्यान्न योजना सहित अन्य हितग्राही मूलक योजनाओं की जानकारी दी जा रही है। साथ ही पलायन करने वालों को बताया जा रहा है कि बाहर मजदूरी करने जाने का सीधा असर उनके बच्चों के भविष्य पर पड़ेगा। उनकी शिक्षा प्रभावित होगी तो परिवार भी छिन्न-भिन्न होगा।
यह है पलायन की स्थिति
जनपद सर्वाधिक पालयन करने वाली पंचायतें वर्तमान में परिवारों को दिए गए काम
टीकमगढ़ 16 119
जतारा 23 112
पलेरा 16 548
बल्देवगढ़ 20 384

कहते हैं अधिकारी
अधिक मजदूरी के फेर में लोग पलायन कर रहे हैं, जबकि इसका बहुत सा हिस्सा महानगरों में ही रहने और खाने में खर्च हो जाता है। इस थोड़े से लाभ के चक्कर में बच्चों का भविष्य खराब हो रहा है और परिवार बिखर रहे हैं। ऐसे में प्रयास किया जा रहा हैं कि लोगों को यह नफा-नुकसान समझाते हुए गांव में ही काम कराया जाए।
  • विवेक श्रोत्रिय, कलेक्टर, टीकमगढ़।

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