जिले में सबसे अधिक पायलन करने वाले 76 गांवों को प्रशासन ने चिन्हित किया है। इन गांवों में सरपंच, सचिव और रोजगार सहायक ढोल के साथ गांव का भ्रमण कर मुनादी कर रहे है। इसमें पंचायत में ही 90 दिन का नियमित काम, 261 रुपए मजदूरी के साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना, खाद्यान्न योजना सहित अन्य हितग्राही मूलक योजनाओं की जानकारी दी जा रही है। साथ ही पलायन करने वालों को बताया जा रहा है कि बाहर मजदूरी करने जाने का सीधा असर उनके बच्चों के भविष्य पर पड़ेगा। उनकी शिक्षा प्रभावित होगी तो परिवार भी छिन्न-भिन्न होगा।
जनपद सर्वाधिक पालयन करने वाली पंचायतें वर्तमान में परिवारों को दिए गए काम
टीकमगढ़ 16 119
जतारा 23 112
पलेरा 16 548
बल्देवगढ़ 20 384 कहते हैं अधिकारी
अधिक मजदूरी के फेर में लोग पलायन कर रहे हैं, जबकि इसका बहुत सा हिस्सा महानगरों में ही रहने और खाने में खर्च हो जाता है। इस थोड़े से लाभ के चक्कर में बच्चों का भविष्य खराब हो रहा है और परिवार बिखर रहे हैं। ऐसे में प्रयास किया जा रहा हैं कि लोगों को यह नफा-नुकसान समझाते हुए गांव में ही काम कराया जाए।
- विवेक श्रोत्रिय, कलेक्टर, टीकमगढ़।