उपदेश देने वाले को पहले त्याग करना चाहिए : मुनि विमल सागर
यह बात मुनि विमल सागर ने भाग्योदय तीर्थ में रविवार को धर्मसभा में कही। उन्होंने कहा कि तोता राम-राम तो कहता है, परंतु इसका अर्थ नहीं जानता हैं।


उपदेश देने का अधिकार सबको है। आगम के अनुसार उपदेश करना चाहिए। दूसरों से त्याग कराने के पहले वक्ता को स्वयं त्याग पहले करना चाहिए। यह बात मुनि विमल सागर ने भाग्योदय तीर्थ में रविवार को धर्मसभा में कही। उन्होंने कहा कि तोता राम-राम तो कहता है, परंतु इसका अर्थ नहीं जानता हैं। इसी प्रकार सभा में ऐसे श्रोता भी है जो ऊपर तो मुनि महाराज के प्रवचन से भीग जाते हैं, लेकिन अंदर क्या धारण किया है यह पता नहीं रहता। वक्ता यदि उत्तम है तो श्रोता भी उत्तम होना चाहिए। भव्य जीव ही सभा में पहुंचते हैं अभव्य जीव सभा में जा नहीं पाते हैं। मुनि ने कहा है जैसे गिरगिट रंग बदलता है। वैसा वक्ता भी श्रोता के हिसाब से रंग ना बदलें। जो वक्ता रंग बदलता है वह सच्चा वक्ता नहीं है योग्य वक्ता को ही आप स्वीकार करें नहीं तो नहीं, तीर्थंकर ही सबसे बड़े वक्ता हैं उनकी वाणी ही सर्वोपरि है। मुनि सेवा समिति के सदस्य मुकेश जैन ढाना ने बताया कि 24 जुलाई को मुनि संघ का भाग्योदय से बाहुबली कॉलोनी के लिए विहार सुबह 7 बजे होगा। बाहुबली काॅलोनी में 30 जुलाई से 6 अगस्त तक सिद्ध चक्र महामंडल विधान होगा।
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