संसार में विश्वासपात्र कम है और अविश्वसनीय ज्यादा है : मुनि सुधा सागर
सागर. वर्णी भवन मोराजी में आयोजित धर्मसभा में शनिवार को मुनि सुधा सागर महाराज संसार में विश्वासपात्र कम है और अविश्वसनीय ज्यादा है। संसार में शांति कम और अशांति ज्यादा है। उन्होंने कहा कि कांटों के बीच में फूल रहेगा। अच्छा फूल चाहिए है तो कांटों के बीच में आना ही पड़ेगा।
सागर. वर्णी भवन मोराजी में आयोजित धर्मसभा में शनिवार को मुनि सुधा सागर महाराज संसार में विश्वासपात्र कम है और अविश्वसनीय ज्यादा है। संसार में शांति कम और अशांति ज्यादा है। उन्होंने कहा कि कांटों के बीच में फूल रहेगा। अच्छा फूल चाहिए है तो कांटों के बीच में आना ही पड़ेगा। जो कांटों के बीच में पलते हैं वे शुभ होते हैं। गुलाब का फूल, फूलों का राजा क्यों कहा जाता है क्योंकि वो कांटों के बीच में रहता है। उन्होंने कहा कि तीन व्यक्तियों से कुछ नहीं मिलने वाला। एक वो किस्मत के भरोसे जिंदगी जीते हैं क्योंकि किस्मत दूसरे को कभी कुछ देने नहीं देती, किस्मत स्वयं के लिए देती है, उससे कभी उम्मीद मत करना। जिंदगी यदि खुशहाल बनाना है तो कभी किस्मत पर भरोसा मत करना। समय से पहले, भाग्य से बढक़र किसी को नहीं मिलता, ये बात किसी कार्य के प्रारंभ में मत लाना, असफल हो जाओ तो शांति के लिए कहना। दूसरा वसीयत पर जिंदगी व्यतीत मत करना। वसीयत में जो कुछ मिलता है उसका कल्याण नहीं हो सकता। वसीयत की जिम्मेदारी लेते हुए यदि मरोगे तो तुम्हारा मरण अच्छा नहीं कहलायेगा, इसलिए मरने के पहले वसीयत का ट्रांसफर कर देना। वसीयत मजबूरी में, परोपकार के लिए ली जाती है, स्वार्थ के लिए नहीं। पिता की संपत्ति से कभी सुख भोगने का कभी इरादा नहीं करना।
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