20 वर्ष पहले शुरू हो जाता विस्तार
जिला अस्पताल के पास बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के निर्माण का फैसला 2005-06 में लिया गया था, जिसके कारण सिर्फ तिली क्षेत्र में ही विकास हुआ। बीएमसी को यदि शहर के बाहर किसी भी मार्ग पर बनाया जाता, तो वहां तक शहर का विस्तार हो चुका होता। तिली क्षेत्र में अब यातायात जाम में भी एम्बुलेंस फसने लगीं हैं।
इन कारणों से आ रहा बदलाव
राजघाट मार्ग- इस मार्ग पर आरटीओ, पुलिस लाइन, केंद्रीय विद्यालय के बाद मुख्य बस स्टैंड का निर्माण भी किया गया है, जिसके कारण अब लोग शहर के दूर खुले में अपना घर बनाना चाह रहे हैं। यहां पानी की पर्याप्त उपलब्धता है। पथरिया जाट- डॉ. हरिसिंह केंद्रीय विवि से लगा हुआ ग्राम पथरिया जाट और आसपास के क्षेत्र में लगातार प्रॉपर्टी के दाम बढ़ रहे हैं। यह क्षेत्र शहर से दो किलोमीटर की दूरी पर है। साथ ही सिरोंजा में प्राइवेट कॉलेजों की भरमार है। एक-डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर फोरलेन है।
सिद्धगुवां- यह क्षेत्र इंडस्ट्री के लिए पहचाना जाता है। यहां से बहेरिया क्षेत्र की दूरी मुश्किल से आधा किलोमीटर है। झांसी-लखनादौन, सागर-कानपुर एनएच के कारण सिद्धगुवां व बहेरिया क्षेत्र में प्रॉपर्टी की डिमांड साल-दर-साल बढ़ रही है।
खुरई व भोपाल रोड- इन दोनों मार्गों के बीच एक बायपास है, लेकिन बीच से रेलवे लाइन निकले होने के कारण यहां जाने से लोग बचते थे। तीन वर्ष पूर्व यहां पर आरओबी स्वीकृत हुआ, जिसका निर्माण कार्य चल रहा है। इसके साथ ही यहां पर दो बस स्टैंड, ट्रांसपोर्ट नगर, एमपीसीए खेल मैदान आदि के कारण प्रॉपर्टी के कारोबार में ग्रोथ आ रही है।