सरकारी स्कूलों की ओर नहीं बढ़ रहे कदम
सरकार के लाख प्रयासों के बावजूद परिषदीय विद्यालयों की ओर बच्चों और अभिभावकों के कदम नहीं पड़ रहे। सहारनपुर में 180 से अधिक ऐसे विद्यालय हैं जिनमें इस बार छह नए एडमिशन भी नहीं हो पाए हैं। इन हालातों पर बेसिक शिक्षा अधिकारी ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों के चेताते हुए नए एडमिशन कराने के साथ-साथ डाटा अपटेडेशन के निर्देश दिए हैं। अब टीचर घर-घर जाकर लोगों के जागरुक करेंगे और उनसे बच्चों का एडमिशन स्कूलों में कराने का आग्रह करेंगे। इसके साथ ही एडमिशन का ग्राफ ठीक करने के लिए शिक्षा विभाग डाटा अपडेटेशन में लगा हुआ है।
ग्रामीण क्षेत्रों में हालात ज्यादा खराब
शहरी क्षेत्रों में तो हालात फिर ठीक है लेकिन लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में अभिभावक अपने बच्चों का एडमिशन सरकारी स्कूलों में कराने से अधिक कतरा रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के सरकारी स्कूलों में नए एडमिशन का ग्राफ बेहद कम है। ऐसे में इन स्कूलों पर संकट के बादल गहरा रहे हैं। आशंका है कि ऐसे स्कूलों को दूसरे स्कूलों के साथ मर्ज भी किया जा सकता है जिनमें एडमिशन बहुत कम हैं। अगर ऐसा हुआ तो इसका सीधा नुकसान इन स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं और पढ़ाने वाले शिक्षकों को होगा। इसकी वजह ये है कि इन्हे उस नजदीकी स्कूल में जाना पड़ेगा जिसमें इनके स्कूल को मर्ज किया जाएगा।
जिलेभर के स्कूलों के एडमिशन का ग्राफ एक नजर में
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 24 जून तक नकुड़ विकास खंड के 36 विद्यालयों में नए एडमशिन की संख्या छह से कम रही। इसी तरह से सढौली कदीम और नगर क्षेत्र में ऐसे मात्र चार-चार स्कूल ही दिखें जिनमें नए एडमिशन की संख्या छह से कम रही बाकी ने यह आकड़ा पार कर लिया। इसी तरह से देवबंद में 14 और गंगोह ब्लाक क्षेत्र में ऐसे स्कूलों की संख्या 29 है जिनमें नए एडमिशन की संख्या छह से कम है। इसी तरह से मुजफ्फराबाद ब्लाक में ऐसे आठ स्कूल हैं, ननौता ब्लॉक में 11, नागल ब्लाक में 23, रामपुर मनिहारान में 20 और सरसावा ब्लाक क्षेत्र में ऐसे स्कूलों की संख्या 21 है। ये सभी वो स्कूल हैं जिनमें इस बार नए एडमिशन की संख्या छह से कम है। शिक्षा विभाग के अफसरों का का कहना है कि वास्तविक संख्या ज्यादा हो सकती है इसलिए डाटा अपटेडेशन कराया जा रहा है।
इन ( School ) में एक भी नया एडमिशन नहीं
सहारनपुर के नागल ब्लाक में पड़ने वाले बचीटी का उच्च प्राथमिक स्कूल ऐसा है जिसमें अभी तक एक भी नया एडमिशन पोर्टल पर नहीं दिख रहा यानी एक भी एडमिशन नहीं हुआ है। इसी तरह से नानौता ब्लाक क्षेत्र के गांव सैदपुर का प्राथमिक स्कूल और रामपुर मनिहारान ब्लाक क्षेत्र के गांव अमहदपुर का उच्च प्राथमिक स्कूल ऐसा है जिनमें इस वर्ष एक भी नया एडमिशन नहीं हुआ है। इनके अलावा जिले में 24 ऐसे विद्यालय हैं जिनमें इस साल एक-एक ही नया एडमिशन हुआ है।
क्या कहते हैं अफसर
बेसिक शिक्षा विभाग सहारनपुर का इस बारे में कहना है कि, एडमिशन की संख्या जो पोर्टल पर दिखाई पड़ रही है उससे कहीं अधिक होने की उम्मीद है। कुछ एडमिशन ऑफ लाइन भी हुए हैं और कुछ एडमिशन पोर्टल पर अपडेट नहीं हैं। सही स्थिति का पता करने के लिए बेसिक शिक्षा अधिकारी कोमल की ओर से सभी विकास खंड अधिकारियों को दो दिन के भीतर पोर्टल पर फीडिंग का कार्य अपडेट करने के निर्देश दिए हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि जाटा अपडेटेशन का काम पूरा होने के बाद जिले में कम एडमिशन वाले स्कूलों की संख्या घटकर 10 से 12 रह सकती है लेकिन सवाल ये है कि आखिर सरकारी स्कूलों से लोगों का मन क्यों छिटक रहा है।