ट्रांजिट स्टेशन बने खतरा
एयरपोर्ट डायरेक्टर अशोक गुप्ता ने बताया कि हवाई अड्डे के पास नगर निगम का ट्रांजिट स्टेशन स्थित है, जहां पूरे शहर का कचरा एकत्र कर अस्थायी रूप से रखा जाता है। इस वजह से बड़ी संख्या में पक्षी आकर्षित होते हैं, जिससे विमान दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है। बैठक में इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर ने नगर निगम को एक महीने के भीतर ट्रांजिट स्टेशन को स्थानांतरित करने और कचरे को पूरी तरह हटाने के निर्देश दिए। इसके अलावा, हवाई अड्डे और रनवे से कुत्तों को हटाने की भी मांग उठाई गई।
1800 मीटर रनवे निर्माण के लिए बाधाएं हटाना जरूरी
वर्तमान में सतना एयरपोर्ट की रनवे लंबाई 1200 मीटर है, जिसे 1800 मीटर तक बढ़ाने की योजना है। लेकिन अगस्त 2023 में हुए ऑब्स्टेकल लिमिटेशन सर्वे (OLS) में हवाई अड्डे के आसपास 248 बाधाएं पाई गई थीं। इनमें से अधिकांश हवाई अड्डे की जमीन पर अवैध रूप से बने मकान और संरचनाएं हैं। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने 13 फरवरी 2025 को सांसद गणेश सिंह को लोकसभा में बताया कि जब तक ये अतिक्रमण नहीं हटाए जाते, तब तक रनवे का विस्तार संभव नहीं होगा। एएआई (एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया) के अनुसार, 1200 मीटर रनवे के लिए 18 बाधाओं को हटाया गया था, लेकिन 1800 मीटर के विस्तार के लिए अभी भी 248 बाधाओं को हटाना जरूरी है।
भवन निर्माण से पहले लेनी होगी एएआई से एनओसी
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि एयरपोर्ट के तय रेडियस में कोई भी नया भवन निर्माण करने से पहले एएआई से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) लेना अनिवार्य होगा। यह कदम हवाई अड्डे के सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।
नाइट लैंडिंग सुविधा के लिए प्रस्ताव भेजेगा प्रशासन
सतना एयरपोर्ट पर नाइट लैंडिंग की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रशासन जल्द ही राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजेगा। इसके बाद ही इस संबंध में कोई ठोस निर्णय लिया जाएगा। सतना एयरपोर्ट अब पूरी तरह से एएआई के अधीन आ चुका है और डीजीसीए (नागर विमानन महानिदेशालय) के मानकों के अनुसार कार्य किया जा रहा है। ऐसे में यदि शहरवासियों को विस्तारित हवाई सुविधा चाहिए तो प्रशासन को अवैध निर्माण हटाने पर सख्त कार्रवाई करनी होगी।