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सवाई माधोपुर

चर्चा का विषय बनी गाय : साड़ी की दुकान में हर रोज आ रही गाय, गद्दों पर बैठ गुजारती घंटों

हिण्डौनसिटी शहर की वीआईपी कॉलोनी में एक साड़ी के शोरूम में एक गाय रम्भाकर दस्तक देती है और गद्दों पर आकर बैठ जाती है।

सवाई माधोपुरFeb 10, 2025 / 09:50 pm

Kamlesh Sharma

Cow comes to the saree shop
हिण्डौनसिटी। शहर की वीआईपी कॉलोनी में एक साड़ी के शोरूम में एक गाय रम्भाकर दस्तक देती है और गद्दों पर आकर बैठ जाती है। गाय का रोजाना साड़ी के शो रूम पर आना और अंदर गद्दों पर शांति से कई घंटे गुजारना लोगों में चर्चा का विषय बना है।
खास बात यह है कि शोरूम में गाय के बैठ रहने के दौरान शोरूम में कारोबार प्रभावित नहीं होता है। गाय बीच में गद्दे पर बैठी रहती है और खरीदारों की आवाजाही बनीं रहती है। यह सिलसिला करीब 45 दिन से चल रहा है। ऐसे में लोगों का खरीदारी से ज्यादा दुकान में गाय के बैठे रहना कौतूहल बना है। सोमवार को करीब 4 घंटे गाय शोरूम में बैठी रही है।

नियमित रूप से आती है गाय

साड़ी की दुकान के संचालक राजेंद्र प्रसाद गोयल ने बताया कि सुबह दुकान खोलने के बाद 10-11 बजे गाय नियमित रूप से आती है। शीशे के गेट को हल्का का धकिया की अंदर आकर गद्दों बैठ जाती है। सड़क पर साथ में घूमने वाली अन्य गाय नहीं आती हैं। सुभाष ने बताया कि वह व पत्नी सुधा गोयल एक तरफ खरीदारों को साड़ियां पसंद कराते हैं। लोगों की आवाजाही से गाय तनिक नहीं बिदकती है। शुरुआत में एकाएक गाय के शोरूम के अंदर आया देखा तो उसे निकालना चाहा। शीशे के गेट व अन्य शाम के टूटने की आशंका में बाहर निकाला, लेकिन गाय का दुकान में आने और बैठने का सिलसिला शुरू हो गया। गाय को आने से रोकने लिए दूसरी तरफ रोटी देने का तरीका अपनाया, लेकिन गाय दुकान में आकर बैठना बंद नहीं हुआ। अब वे गाय की आवाजाही को लेकर अभ्यस्त हो गए हैं।
राजेंद्र बताते हैं कि उनकी पत्नी गाय को रोटी व गुड़ देते हैं। जब तक गाय की मर्जी होती है दुकान में गद्दों पर बैठी रहती है। कभी वो 10-15 मिनट में उठकर चली जाती है तो कभी कभी एक घंटे तक बैठी रहती है। सेवानिवृत क्षेत्रीय वन अधिकारी सुभाषचंद गुप्ता ने बताया कि आस-पास अनेक दुकानें हैं, लेकिन गाय केवल साड़ी की दुकान में जाकर बैठती है। साड़ी दुकान संचालक बताते हैं उन्हें गाय के मालिक के बारे में पता नहीं है। पड़ोसी दुकानदारों के अनुसार साड़ी की दुकान बंद रहने पर गाय दुकान के बाहर आकर कुछ देर ठहर कर चली जाती है।

कोई नुकसान न किसी को तकलीफ

कपड़ा व्यापारी राजेंद्र ने बताया कि गाय के आने जाने से साड़ी की दुकान में कोई नुकसान नहीं हुआ है। गाय शीशे के गेट और साड़ी के डेमो स्टेचू से बच की आती जाती है। खरीदारी करने वालों को भी तकलीफ नहीं होती।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ

पालतू पशु ह्यूमन फ्रेंडली व्यवहार के होते हैं। इस श्रेणी में श्वान, गाय व घोड़ा शामिल है। व्यवहार में किसी स्थान और व्यक्ति से अत्यधिक लगाव होने पर पशु बार-बार उसी स्थान पर जाता है। इसी कारण गाय भी प्रति दिन साड़ी की दुकान पर पहुंच रही है।
ब्रह्मानंद गुप्ता,पशुधन प्रसार अधिकारी
राजकीय बहुद्देशीय पशुधन चिकित्सालय , हिण्डौनसिटी

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