जिसके बाद धीरे-धीरे क्षेत्र में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। इसको लेकर सुबह-सुबह मृतक सुरज्ञान मीणा पुत्र रामपुर मीणा निवासी संग्रामगंज इंदरगढ़ जिला बूंदी के परिजन पुलिस थाने आ गए हैं। उन्होंने सीधे-सीधे इस मामले को लेकर पुलिस पर हत्या का आरोप लगाया है। साथ ही कार्रवाई नहीं करने एवं मुआवजा नहीं देने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी भी दी है। फिलहाल पुलिस लोगों को समझाने का प्रयास करती नजर आ रही है।
परिजनों ने उपाधीक्षक पर लगाया आरोप
हालांकि इस मामले को लेकर परिजनों का कहना है कि सुरज्ञान मीणा पर पुलिस उपाधीक्षक लाभूराम द्वारा लोहे के सरिया से वार किया गया। जिसके चलते उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद पुलिस ने परिजनों को कोई सूचना नहीं दी तथा शव को सवाईमाधोपुर मोर्चरी में पहुंचा दिया। पुलिस द्वारा मामले को पूरी तरह से दबाने की कोशिश की जा रही है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि पुलिस उपाधीक्षक ग्रामीण के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती है तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा। दूसरी ओर, इस घटना में पुलिस की कार्रवाई पर भी कई सवाल या निशान खड़े हो गए हैं।
दोषी के खिलाफ होगी कार्रवाई- SP ममता गुप्ता
जानकारी में आया है कि पुलिस उपाधीक्षक ग्रामीणों को बनास नदी में लेकर गए थे। वहां किसी बजरी का व्यापार करने वाले व्यक्ति से ही संबंधित बताया जा रहा है। साथ ही मौके पर खनिज विभाग की टीम को नहीं बुलाया गया। पुलिस अधीक्षक ममता गुप्ता ने इस मामले को लेकर कहा है कि जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
कल देर रात अवैध खनन रोकने पहुंची थी पुलिस
गौरतलब है कि पुलिस उपाधीक्षक लाभूराम विश्नोई गत देर रात अवैध खनन रोकने एक प्राइवेट बोलेरो से गए थे। उन्होंने अपनी सरकारी गाड़ी सूरवाल थाने में ही छोड़ दी थी। जहां पुलिस उपाधीक्षक की प्राइवेट बोलेरो में आरोपियों ने आग लगा दी। बनास नदी के पास अवैध खनन करने वाले लोगों पर पुलिस ने डंडे बरसाए तो अफरा-तफरी में एक ड्राइवर टायर के नीचे आ गया। इसके बाद दोनों से पत्थरबाजी शुरू हो गई।