दिन दहाड़े युवक की हत्या से क्षेत्र में सनसनी फैल गई थी। इस दौरान घटनाक्रम के विरोध में एकत्रित हुए सैकड़ों ग्रामीणों ने गांव के मुख्य मार्ग पर जाम लगा दिया था। वहीं घटना के दूसरे दिन भी परिजन आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर अड़े रहे। साथ ही छोटी उदेई के पास से गुजर रहे दिल्ली-मुबई रेलवे ट्रेक पर बैठ गए थे। जिसको लेकर करीब 6 घंटे रेल यातायात बाधित रहा था। इस दौरान तत्कालीन राज्यसभा सांसद
किरोड़ीलाल मीना ने भी छोटी उदेई पहुंचकर परिजनों के साथ समझाइश की थी।
यह था मामला
अधिवक्ता नेत्रविंदसिंह जादौन ने बताया कि परिवादिया हेमा ने 17 नवंबर 2020 को पीलोदा थाने में रिपार्ट दी थी। इसमें बताया कि 16 नवंबर 2020 को सुबह उसके पिता रामराज के व्हाट्सएप पर प्रेमराज व नागराज ने परिवार को जान से मारने की धमकी दी थी। इससे भयभीत होकर रामराज, मनीराज व इन्द्रराज तीनों सुबह नौ बजे पीलोदा थाने पर पहुंचे। दो घंटे बाद उनके गांव के ही राजकुमार, राधेश्याम, योगेश, वीरम घर पर रैकी करने पहुंचे थे। यहां उसकी चाची को देखकर गाली-गलौच करते हुए पुलिया की ओर चले गए थे। दो घंटे बाद नागराज सेवा वाला, प्रेमराज व छोटू मोटरसाइकिल पर आए। उनके साथ राजकुमार, राधेश्याम पुत्र चिरंजी, राधेश्याम पुत्र रामजीलाल, भीम, योगेन्द्र, वीरम, उदयसिंह, रूपसिंह व रजनीश भी आए। उनके घर में प्रेमराज व नागराज हाथों में बंदूक लेकर जैसे ही पहुंचे तो उसकी चचेरी बहन मधु व वीकेश छत पर सीढिय़ों पर छिप गए और इन लोगों ने चाची गुड्डी की ओर बंदूक तानकर गाली-गलौच की। उनके छत पर होने का पता चलने पर प्रेमराज ने गोली चलाई तो उसके भाई वीकेश के सिर पर लगी।
वीकेश वहीं लहुलुहान होकर सीढिय़ों से गिर गया। इसके बाद पीड़ित ने हत्या सहित विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कराया। एससी-एसटी न्यायालय ने मामले में प्रेमराज निवासी छोटी उदेई एवं भगवान सिंह उर्फ नागराज निवासी सेवा को धारा 302/34 में आजीवन कारावास एवं 50 हजार रुपए अर्थदंड, धारा 450/34 में 5 वर्ष का कठोर कारवास एवं 10 हजार रुपए के अर्थदंड एवं धारा 3/25 में दो वर्ष का कठोर कारवास एवं 5 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया।