क्षेत्र में लगातार आदमखोर बाघ के हमले का शिकार ग्रामीण हो रहे है। तीन माह में यह तीसरी घटना है। शनिवार को ग्रामीणों ने वन विभाग पर नाराजगी जताई। ग्रामीणों में बाघ के द्वारा लगातार हो रही घटनाओं से आक्रोश व्याप्त है। वहीं बाघ को पकडऩेे की लगातार मांग कि जा रही है।
बाघ के हमले में मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है। 19 अक्टूबर 2024 को दक्षिण सामान्य वन मंडल के खवासा रेंज में एक युवक की बाघ के हमले में मौत हो गई थी। वहदाबाद बीट के ग्राम चीखली निवासी आदित्य चवर (22) अपने भाई के साथ गाय चराने गया था। गाय चराते.चराते वह जंगल के घने क्षेत्र में पहुंच गया। इसी दौरान दोनों भाईयों को बाघ आता दिखा। दोनों एक पेड़ पर चढ़ गए। हालांकि पेड़ की डाली टूटने पर आदित्य नीचे गिर गया और घात लगाए बाघ ने हमला कर दिया। जिसमें आदित्य की मौत हो गई। घटना के लगभग डेढ़ माह बाद 29 नवंबर को फिर से बाघ ने पेंच टाईगर रिजर्व के बफर क्षेत्र के रूखड़ परिक्षेत्र में बावनथड़ी गांव के समीप जंगल में एक युवक को अपना शिकार बना लिया। इस घटना में भी युवक जंगल में मवेशी चराने गया था। बावनथड़ी ग्राम निवासी कृष्ण कुमार भलावी (20) जंगल के अंदर मवेशी चराने गया था। लगभग 12 बजे मवेशी लौटकर गांव में आ गए, लेकिन युवक नहीं आया। परिवार वालों को चिंता हुई और स्थानीय बीटगार्ड के साथ वह लडक़े को जंगल में खोजने गए। गांव से लगभग दो किलोमीटर दूर जंगल के अंदर खून के निशान मिले। थोड़ी दूर पर बाघ के गुर्राने की आवाज सुनाई दी। लोगों के शोर मचाने पर बाघ निर्धारित जगह से जंगल के और अंदर चला गया। ग्रामीणों एवं परिजनों को पास में ही युवक का शव पड़ा दिखाई दिया। दोनों मामले में वन विभाग से ग्रामीणों ने नाराजगी जताई थी।